नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ का शुभारंभ आज उत्तराखंड से हुआ है. केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और उमा भारती की मौजूदगी में इसकी शुरुआत हुई. गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए मोदी सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आज देशभर में विभिन्न स्थानों पर 231 परियोजनाओं की शुरुआत की गयी, जिसमें नदी को साफ करने के लिए एसटीपी संयंत्र स्थापित करने की योजना शामिल है. इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गंगा सफाइ अभियान में वे केंद्र के साथ हैं. उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे’ स्वागत योग्य योजना है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्तर से गंगा सफाई का हर संभव प्रयास किया.
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने बताया कि ये परियोजनाएं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में शुरु की जा रही हैं. इन परियोजनाओं में घाटों का नवीनीकरण, जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करना, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण शामिल है. यह योजना प्रारंभ में एक साथ 104 स्थानों पर सभी पांच गंगा बेसिन वाले राज्यों में शुरू की जायेगी. मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून, गढवाल, टिहरी गढवाल, रुद्र प्रयाग, हरिद्वार और चमोली जिलों में 47 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
मुख्य कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित किया गया उमा भारती के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, चौधरी बीरेन्दर सिंह और महेश शर्मा मौजूद रहे. उमा भारती ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह ऐतिहासिक क्षण है, पहली बार गंगा नदी को साफ करने की दिशा में समग्र प्रयास हो रहे हैं. हम गंगा की सफाई का पहला चरण अक्तूबर 2016 में देखेंगे जबकि दूसरा चरण अगले दो वर्षो में पूरा होगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसा ऐप पेश करेगी जो नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी करेगा. इस दौरान गडकरी के साथ नवनियुक्त राज्य मंत्री विजय गोयल और संजीव बालयान भी मौजूद थे.
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