नरभक्षियों ने कहा- थक चुके हैं मानव मांस खाकर
जोहान्सबर्ग : दक्षिण अफ्रीका में ऐसे ही दो नरभक्षियों ने जब पुलिस के पास पहुंचकर आत्मसमर्पण किया तो नरभक्षियों के एक गांव का चौंकाने वाला सच सामने आया। इनकी कहानी सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। इन्होंने पुलिस को बताया कि वह मानव मांस खाकर थक चुके हैं। पुलिस को इनमें से एक पास मौजूद बैग में से इंसानी हाथ-पैर भी बरामद हुए हैं। दोनों नरभक्षियों को उनके जुर्म के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाला नरभक्षी निनो मबाथा (33) और लुंगिसानी मगुबेन (32) हैं। दोनों को 24 वर्षीय जेनले ह्लात्श्वेव नाम की एक युवती की निर्मम हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। इनमें से निनो मबाथा पारंपरिक चिकित्सक है। सबसे पहले उसी ने दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु-नताला शहर के ईस्टकोर्ट पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया था। उसी के पास से पुलिस को इंसानी हाथ-पैर वाला बैग बरामद हुआ था। शुरूआत में पुलिस को इनकी कहानी पर भरोसा नहीं हुआ। पुलिस को भरोसा दिलाने के लिए निनो मबाथा उन्हें अपने घर ले गया। घर में घुसते ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरे घर में कई इंसानों के मांस के टुकड़े फैले हुए थे। मानो वहां, मानव मांस जमा किया जा रहा था। पीटरमैरिट्सबर्ग हाईकोर्ट के जज पीटर ओल्सेन ने इस मामले को सबसे क्रूर अपराध करार देते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट को पता चला कि आरोपियों ने जेनले ह्लात्श्वेव नाम की महिला को मबाथा ने मगुबेन की मदद से मौत के घाट उतारा। इसके बाद दक्षिणी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पारंपरिक दवा के लिए प्रयोग होने वाली एक विधि ‘मुथि’ के जरिए सौभाग्य प्राप्ति के लिए इन लोगों ने जेनले ह्लात्श्वेव के मृत शरीर से आंतरिक अंग, हाथ व पैरों को निकालकर अलग कर दिया। इसके बाद मबाथा ने मगुबेन को निर्देश दिया कि वह सौभाग्य प्राप्ति के लिए जेनले ह्लात्श्वेव का मांस खाए। इससे पहले भी आरोपी कई बार इंसानी मांस खा चुके थे। पुलिस ने इस केस में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी सिथेमबिसो सिथोल (31) ने आरोप तय होने के बाद सजा के लिए चल रहे ट्रायल के दौरान जेल में ही खुद को मौत के घाट उतार लिया था। आसपास के घरों में तलाशी के दौरान भी पुलिस को मानव अंग मिले थे, जिसके बाद चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ में पता चला कि महिला जेनले ह्लात्श्वेव की हत्या करने से पहले उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया था। कोर्ट ने एक व्यक्ति को इस केस में रिहा कर दिया था।
दक्षिण अफ्रीका में नरभक्षण के खिलाफ कोई कानून नहीं है। हालांकि मस्तिष्क को विचलित करना और मानव अंग की बरामदगी अपराध की श्रेणी में आता है। इस केस से नाराज लोगों ने कोर्ट के बाहर आरोपियों को सख्त सजा देने के लिए प्रदर्शन भी किया था। मालूम हो कि कुछ अफ्रीकी देशों में लोगों की जान मुथि नाम की अंधविश्वासी परंपराओं की वजह काफी खतरे में है। अंधविश्वास है कि मुथि परंपरा के बाद इंसानी मांस खाने वाले लोगों को शक्ति और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। जुलाई माह में भी पुलिस ने यहां एक व्यक्ति को उसके बैग में इंसानी सिर के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में पुलिस को पता चला कि एसिगोदल्वेनी नाम के इस गांव के 971 घरों में नरभक्षियों द्वारा एक बैठक की गई थी। इसके बाद गांव की ज्यादातर आबादी अनजान लाशों के लिए कब्र खोद रही थी या सौभाग्य प्राप्ति की अंधविश्वासी रीति-रिवाज में फंसकर इंसानी मांस खा रही थी। इन लोगों ने पुलिस को बताया वह लोग ऐसा मबाथा के कहने पर कर रहे थे ताकि वह उसे सौभाग्य प्राप्ति के लिए होने वाले ‘मुथि’ रिवाज के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मानव हड्डियां दे सकें। जांच के दौरान पुलिस को एक कटोरे से आठ इंसानी कान भी मिले।