नहीं लगता पढ़ाई में मन तो आजमा कर देखें वास्तु के ये उपाय, दूर होंगी मुश्किलें…
बच्चों की पढ़ाई के लिए माता-पिता हर संभव प्रयास करते हुए उनके जीवन को संवारने का हर संभव प्रयास करते है लेकिन अक्सर अक्सर देखने में आता है कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी बच्चा परीक्षा में अच्छे अंक लाने से चूक जाता है। कई बार तो परीक्षा की तैयारी में जी जान लगा देने के बाद वह प्राकृतिक बाधाओं के चलते पिछड़ जाता है। इन्हीं बाधाओं को दूर करने के लिए ज्योतिष एवं वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा सफलता हासिल की जा सकती है।
बच्चों की पढ़ाई के लिए माता-पिता हर संभव प्रयास करते हुए उनके जीवन को संवारने का हर संभव प्रयास करते है लेकिन अक्सर अक्सर देखने में आता है कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी बच्चा परीक्षा में अच्छे अंक लाने से चूक जाता है। कई बार तो परीक्षा की तैयारी में जी जान लगा देने के बाद वह प्राकृतिक बाधाओं के चलते पिछड़ जाता है। इन्हीं बाधाओं को दूर करने के लिए ज्योतिष एवं वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा सफलता हासिल की जा सकती है।
यदि सुबह सूर्य की किरणें स्टडी रूम में आती हों तो खिड़की दरवाजे सुबह के वक्त खोलकर रखने चाहिए, ताकि सुबह के सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिल सके।
स्टडी रूम में मां सरस्वती का चित्र लगायें और उनके सामने पढ़ाई करने से पहले हाथ जोड़कर बुद्धि एवं बल के लिए प्रार्थना करें। साथ ही प्रात:काल ॐ ऐं हीं सरस्वत्यै नमः का जाप करें।
जिन बच्चों को पढ़ाई के दौरान आलस्य आता हो और पढ़ाई से मन भटकने लगता हो उनके स्टडी रूम में यदि हरे रंग का प्रयोग किया जाये तो लाभदायक सिद्ध होगा। सफेद रंग से सुस्ती भरा माहौल बन सकता है।
किसी बीम या दुछती के नीचे बैठकर पढ़ना या सोना नहीं चाहिए, अन्यथा मानसिक तनाव उत्पन्न होता है और पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।
घर की पश्चिम दिशा में पढ़ाई का कमरा होने पर बच्चों को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से बच्चा परीक्षा के दिनों में कम समय में ज्यादा चीजें याद कर परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकता है।
स्टडी रूम में कम्प्यूटर इत्यादि को आग्नेय से दक्षिण व पश्चिम के बीच कहीं भी रख सकते है। ईशान कोण में रखे कम्पयूटर शैक्षिक सफलता के लिए उपयोगी नहीं साबित होंगे।
पढ़ाई करने वाले बच्चों को हमेशा दक्षिण या पश्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए । दक्षिण में सिर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और पश्चिम में सिर करके सोने से पढ़ने की चाहत दिन-प्रतिदिन बड़ती जायेगी ।