राज्य
नागपुर के मिहान में सिर्फ 30 फीसदी कंपनियां ही चालू
मुंबई/नागपुर. नागपुर स्थित मिहान सेज प्रकल्प में अभी तक 30 फीसदी कंपनियां ही चालू हो सकी हैं। यहां कुल 71 कंपनियों को जगह दी गई है। जिसमें से 21 कंपनियां कार्यरत हैं। जबकि 5 कंपनियों का निर्माण कार्य शुरू है। बाकी 45 कंपनियों के काम शुरू करने के लिए कार्यवाही शुरू है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी 2016 में जिन कंपनियों ने काम शुरू नहीं किया था, उन्हें नोटिस दी गई थी। इसके बाद कुछ कंपनियों ने काम शुरू करने के लिए मोहलत मांगी थी। कुछ शर्तों के साथ इन कंपनियों को अप्रैल 2016 से चार वर्षों के लिए मोहलत दी गई है।
भंडारा में जल शुद्धिकरण मशीन लगाने को मंजूरी
भंडारा जिले की वैनगंगा नदी के किनारे वाले गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करके शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। विधान परिषद में प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। कदम ने बताया कि भंडारा और पवनी नगर पालिका क्षेत्र में लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी और नाग नदी का गंदा पानी वैनगंगा नदी में मिलने के कारण इकॉर्निया वनस्पति में बढ़ोतरी हुई है। इसके मद्देनजर भंडारा जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति अभियंता को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि परिसर में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए 50 गांवों में जलशुद्धिकरण मशीन लगाने को मंजूरी दी गई है।
भंडारा जिले की वैनगंगा नदी के किनारे वाले गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करके शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। विधान परिषद में प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। कदम ने बताया कि भंडारा और पवनी नगर पालिका क्षेत्र में लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी और नाग नदी का गंदा पानी वैनगंगा नदी में मिलने के कारण इकॉर्निया वनस्पति में बढ़ोतरी हुई है। इसके मद्देनजर भंडारा जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति अभियंता को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि परिसर में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए 50 गांवों में जलशुद्धिकरण मशीन लगाने को मंजूरी दी गई है।
प्रदूषित हैं राज्य में 49 नदियों के किनारे
राज्य में 49 नदियों के किनारे प्रदूषित है। नदियों का प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय नदी कृति योजना और राज्य नदी कृति योजना चलाई जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने उद्योगों का पानी प्रक्रिया करने के बाद ही नदियों में छोड़ने का निर्देश दिया है।
राज्य में 49 नदियों के किनारे प्रदूषित है। नदियों का प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय नदी कृति योजना और राज्य नदी कृति योजना चलाई जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने उद्योगों का पानी प्रक्रिया करने के बाद ही नदियों में छोड़ने का निर्देश दिया है।
विधान परिषद में प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। कदम ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण मंडल की साल 2015 की रिपोर्ट के अनुसार नदियों के किनारों को प्रदूषित घोषित किया गया हैं। भाजपा समर्थित सदस्य अपूर्व हिरे ने इस संबंध में सवाल पूछा था।