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नेपाल में गोलीबारी में भारतीय की मौत, मोदी ने नेपाली पीएम को फोन कर जताई चिंता, दिल्ली में राजदूत तलब

दस्तक टाइम्स/एजेंसी:

Ethnic Madhesi protesters stand near smoke from a tire set on fire by them, as Nepalese policemen stand guard near the Central Development Office at Birgunj, a town on the border with India, Nepal, Monday, Nov. 2, 2015. Members of the ethnic Madhesi people have been protesting Nepal's new constitution, saying it divides the Madhesis among a number of states. The Madhesis, who want the creation of a larger state that they would dominate, have imposed a general strike in southern Nepal and blocked the border crossing, resulting in a severe fuel shortage across Nepal. (AP Photo/Jiyalal Sah)

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में गोलीबारी में बिहार के एक युवक की जान जाने पर सोमवार को हैरत जताई और अपने नेपाली समकक्ष के पी ओली के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान विस्तृत ब्यौरा देने का आग्रह किया। यहां तक कि भारत ने इस घटना को लेकर हिमालयी देश के दूत को तलब भी किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने यहां बताया, प्रधानमंत्री ने नेपाल में पुलिस की गोलीबारी में बिहार के एक युवक के मारे जाने पर हैरत जताई और घटना की निंदा की। पीएमओ के अनुसार, टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने घटना को लेकर चिंता जताई और विस्तृत ब्यौरा देने का आग्रह किया।

नेपाल के गृह मंत्रालय के सूत्रों ने काठमांडो में बताया कि बीरगंज कस्टम्स के समीप शंकराचार्य गेट पर प्रदर्शनकारियों पर जब पुलिस ने गोलीबारी की तो बिहार के रक्सौल निवासी 19 वर्षीय आशीष राम की सिर में गोली लगने से मौत हो गई। बहरहाल मोदी ने नेपाली प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि भारतीय पक्ष की ओर से ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई रूकावट नहीं होगी।

पीएमओ ने कहा, साथ ही प्रधानमंत्री ने नेपाली नेताओं से संकट का शीघ्र और प्रभावी समाधान निकालने की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया। भारत ने नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को तलब कर उनसे कहा कि बीरगंज में गोलीबारी की घटनाओं को लेकर वह बहुत ज्यादा चिंतित है।

उपाध्याय से यह भी कहा गया कि नेपाल जिन मुद्दों का सामना कर रहा है वह राजनीतिक प्रकृति के हैं और बलपूर्वक उनका समाधान नहीं किया जा सकता। उन्हें कहा गया कि टकराव की वर्तमान स्थिति के कारणों से नेपाल की सरकार को पूरी विश्वसनीयता और कारगर तरीके से निपटने की जरूरत है। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत ने अपने मालवाहक ट्रांसपोर्टरों से कहा है कि खुद को खतरे में नहीं डालें।

इस मशविरे के जारी होने के बाद नेपाल में आपूर्ति का संकट गहरा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मालवाहकों और ट्रांसपोर्टरों ने सीमा के पार खराब होती स्थिति पर आज फिर चिंता जाहिर की है। विकास स्वरूप ने कहा, हम उन्हें सलाह दे रहे हैं कि सावधानी बरतें और खुद को खतरे में नहीं डालें। हम सावधानीपूर्वक स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

नेपाल में सितम्बर में संविधान लागू होने के बाद से भारतीय मूल की मधेसी आबादी आंदोलन कर रही है क्योंकि उनका मानना है कि देश का नया संविधान उनके प्रति भेदभाव करने वाला है और दूसरे नेपाली नागरिकों की तरह उन्हें बराबरी का अधिकार नहीं देता। आंदोलन की वजह से नेपाल में पेट्रोल सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई और वहां समस्या उत्पन्न हो गई। हिमालयी देश ने भारत पर आर्थिक नाकेबंदी करने का आरोप लगाया जिसका भारत ने खंडन किया। भारत ने कहा कि नेपाल में प्रदर्शनों की वजह से आपूर्ति बाधित हुई।

 

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