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पंजाब चुनाव में ठेके के मुलाजिमों से ही चलाना होगा चुनाव

04_11_2016-4election1पंजाब चुनाव कार्यालय कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। नियमानुसार 1140 मुलाजिम होने चाहिए, जबिक 250 मुलाजिम व अधिकारी ही राज्य चुनाव कार्यालय में काम कर रहे हैं।

चंडीगढ़ (कैलाश नाथ)। विधानसभा चुनाव में अपने मुलाजिमों से चुनावी प्रक्रिया पूरी करने का मुख्य चुनाव कार्यालय का सपना पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। भले ही 341 मुलाजिमों को भर्ती करने की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गई है, लेकिन आगामी चुनाव को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की संभावना बहुत कम है। इसी कारण चुनाव कार्यालय को एक बार फिर ठेके पर रखे गए मुलाजिमों से ही चुनावी प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

भारतीय चुनाव आयोग ने जो गाइड लाइन जारी की थी, उसके अनुसार चुनाव कार्यालय के मातहत 1140 मुलाजिम होने चाहिए। वर्तमान में 250 मुलाजिम व अधिकारी ही राज्य चुनाव कार्यालय में काम कर रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य चुनाव कार्यालय ने अपनी डिमांड सरकार को भेजी थी। चूंकि चुनाव कार्यालय में काम करने वाले मुलाजिमों की आधी तनख्वाह चुनाव आयोग और आधी राज्य सरकार को देनी होती हैं, इसलिए सरकार की मंजूरी आवश्यक थी।

पंजाब सरकार ने 341 पोस्टों को भरने की स्वीकृति दी थी। इसमें से फाइनेंस डिपार्टमेंट, परसोनल आदि डिपार्टमेंट की क्लीयरेंस में तीन माह से अधिक का समय निकल गया है। अब यह फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच गई है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।

वर्तमान में चुनाव कार्यालय के पास एक भी पक्का डाटा एंट्री आपरेटर नहीं हैं। जबकि हरेक हलके में एक डाटा एंट्री आपरेटर की जरूरत है। इसी प्रकार फील्ड में 32 चुनाव कानूनगो की पोस्टें भी खाली पड़ी हैं। हरेक जिले में एक वेयर हाउस बनाया जाना है, जिसमें एक क्लर्क और एक चौकीदार रखे जाने हैं। चुनाव कार्यालय अभी ठेके पर मुलाजिम रख कर काम करवा रहा है।

चार अफसर मिले चुनाव कार्यालय को

पंजाब सरकार ने चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए चार अधिकारी चुनाव कार्यालय को दे दिया है। इसमें आइएफएस आफिसर गीतांजलि, सी सीबियन और डी लाकड़ा (दोनों आइएएस) और हरगुनजीत कौर (पीसीएस) आफिसर शामिल है।

 

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