पटना: पटना पुलिस लाइन में शुक्रवार को जमकर हिंसा और उत्पात मचाने के मामले में 700 प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से बाहर कर दिया है। पुलिस मुख्यालय ने सारे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए इस सारे पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटा दिया गया है। पुलिस लाइन में जमकर हिंसा और हंगामा बरपाने के मामले में शनिवार को बुद्धा कॉलोनी थाने में दो मामले दर्ज करवाए गए थे।
पहली प्राथमिकी बुद्धा कॉलोनी थाने के एसएसओ मनोज चौहान की शिकायत पर दर्ज हुई। दूसरी प्राथमिकी पुलिस लाइन में डीएसपी और सार्जेंट मेजर के पद पर तैनात मोहम्मद मसलउद्दीन के शिकायत करने पर दर्ज हुई है। आपको बताते जाए कि प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों में ज्यादा संख्या महिलाओं पुलिसकर्मियों की थी जिन्होंने शुक्रवार को अपने सहयोगी सविता पाठक की मौत से भडक़ कर पुलिस लाइन में जमकर तोडफ़ोड़ मचा दी थी।
प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया था कि 22 वर्षीय प्रशिक्षण पुलिसकर्मी सविता पाठक डेंगू से पीडि़त थीं और अपना इलाज कराने के लिए उसने डीएसपी मोहम्मद मसलउद्दीन को छुट्टी मांगी थी जिसको नामंजूर कर दिया गया। शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान सविता पाठक की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।सविता पाठक की मृत्यु से उनके सहकर्मी आक्रोशित होकर पुलिस लाइन में डीएसपी मसलउद्दीन पर जानलेवा हमला कर बैठे।
इसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों पर भी प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों ने हमला बोल दिया और उनकी गाडिय़ों में भी तोडफ़ोड़ प्रारंभ कर दी। इस घटना में 3 एसपी रैंक के अधिकारियों के साथ भी पुलिसकर्मियों ने हाथापाई करने का आरोप है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हस्तक्षेप किया और डीजीपी के. एस. द्विवेदी से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी। पुलिस लाइन के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर घटना में शामिल प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों की पहचान करने के बाद उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को ड्यूटी से हटाने के आदेश दे दिए हैं।