पठानकोट हमला : पाकिस्तानी जांच दल को आज ‘निपटाने’ होंगे NIA टीम के सवालों के जवाब
एजेन्सी/ नई दिल्ली: पठानकोट हमले की जांच के लिये बनी पाकिस्तानी जांच दल आज जब 11 बजे भारतीय जांच एजेंसी एनआईए हेडक्वाटर में पहुंचेगी तो उसे कई मुश्किल सवालों से रूबरु होना पड़ेगा। यही से पता चल जायेगा कि क्या पाकिस्तान वाकई में हमले की जांच में मदद करना चाहता है या फिर वह जांच को और उलझाना चाहता है। आज एनआईए की टीम अपने सवालों और सबूतों का पिटारा खोलेगी जिसका जबाब देना पाक टीम के लिये आसान नहीं होगा।
सोमवार को दिल्ली में और मंगलवार को पठानकोट में पूछताछ की बारी पाकिस्तानी जांच टीम की थी लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। आज भारत जानना चाहेगा कि पहले उसने पठानकोट हमले को लेकर जो सबूत और तथ्य सौंपे थे, उस पर अब तक क्या कार्रवाई की। एनआईए यह भी जानना चाहेगा कि पठानकोट हमले को लेकर पाकिस्तान ने जो कुछ गिरफ्तारियां की, उसकी क्या डिटेल्स हैं।
यही नहीं एनआईए आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और रऊफ अजहर की न केवल आवाज का नमूना मांगेगी बल्कि उनसे पूछताछ की इजाजत भी मांगेगी। यह मांग शायद ही पाक मानें क्योंकि भारत के लाख मांगने जाने बाद भी अब तक मुंबई हमले के गुनाहगार जकी ऊर रहमान लखवी की आवाज का नमूना उसने भारत को नहीं सौंपा है।
भारत द्वारा कुछ ऐसे नये सबूत सौपें जायेंगे जिससे और साफ हो जायेगा कि इसका मास्टरमाइंड अजहर मसूद ही है। एनआईए ने साफ कि अब भारत का एक जांच दल भी पाकिस्तान जायेगा और वह उम्मीद करता है कि जिस तरह का सहयोग उन्होनें पाकिस्तानी टीम को दिया है, वैसा ही रवैया भारतीय दल के पाकिस्तान जाने पर वह देगा। मसलन वह भारतीय दल जैश के हेडक्वॉर्टर बहावलपुर जाना चाहेगा, मारे गये आतंकियों के परिवार का डीएनए का नमूना मांगेगा, आतंकियों और परिवार के बीच हुए बातचीत का इंटरसेप्ट को मिलान भी कराना चाहेगा।
आज ही पाकिस्तानी जांच दल हमले के चश्मदीद एसपी सलविंदर सिंह , कुक मदन गोपाल और एसपी के दोस्त राजेश वर्मा से भी पूछताछ करेगी लेकिन पाक टीम ये पूछताछ सीधे नहीं कर पायेगी बल्कि उसे एनआईए के जरिए पूछताछ करनी पड़ेगी। वैसे गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि हमें पाक जांच से कोई खास उम्मीद नहीं है लेकिन ये फैसला ऊपर के स्तर पर हुआ है तो देखते हैं, क्या होता है।
यह भी जान लें कि…
गौरतलब है कि पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर 1 और 2 जनवरी की दरम्यानी रात छह आतंकियों ने हमला कर दिया था। इन आतंकियों पर काबू के लिए करीब 80 घंटों तक ऑपरेशन चला था, जिसमें भारत के सात सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
इस हमले के कुछ हफ्तों बाद पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया था कि मसूद अजहर और उसके रिश्तेदारों को इस्लामाबाद में नजरबंद कर दिया गया और जैश ए मोहम्मद के मदरसे और दफ्तरों पर छापे मारे गए और उन्हें बंद कर दिया गया। वहीं भारत सरकार के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे 47 वर्षीय अजहर की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं मिली है।
वहीं पाकिस्तान सरकार के शीर्ष सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया था कि इस छापे में जैश के कई गुर्गों को तो हिरासत में लिया गया था, लेकिन अजहर उनमें शामिल नहीं। उन्होंने बताया कि अजहर ना तो अपने अड्डे पर पाया गया और ना ही दक्षिणी पंजाब के बहावलपुर स्थित पैतृक आवास पर ही उसका कोई निशान मिला। उनका अंदेशा है कि वह काफी पहले ही वहां से भाग कर कहीं छुप गया है।