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पद्मावती के बाद एक नया विवाद: इस किताब में ‘रानी लक्ष्मीबाई’ को बताया अंग्रेज अफसर की प्रेमिका!
पद्मावती विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है कि एक नया विवाद झांसी की रानी पर लिखी किताब को लेकर शुरू हो गया है। इस पुस्तक में झांसी की रानी को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद गहरा गया है।
लेखिका जयश्री मिश्रा की किताब ‘रानी’ पर यह विवाद शुरू हुआ है। यूं तो यह किताब करीब 10 पहले लिखी गई थी, लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर इसको लेकर खासी चर्चा है। दरअसल, इस किताब में ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट एलिस नाम के एक पॉलिटिकल एजेंट से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बीच प्रेम संबधों का जिक्र किया है।
आपको बता दें कि इस किताब को उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में साल 2008 में बैन लगा दिया गया है, लेकिन यह किताब आॅनलाइन उपलब्ध है। इस किताब की लेखिका जयश्री मिश्रा यूके में रह रही है, जिन्होनें इस किताब को हिस्टॉरिकल फिक्शन का रूप दिया था। इस किताब के पेज नंबर 212 पर ये विवादित कथन लिखा हुआ है।
लेकिन मेरे अंदर की महिला इन सब बातों को दरकिनार करते हुए मुझे ये सोचने पर मजबूर करती है कि किसी महिला में इतने शौर्य का संचार कहां से हो सकता है जबकि वो एकदम अकेली थी। मैं आज भी उस महिला को महसूस कर सकती हूं जो कभी ना कभी कहीं ना कहीं से उड़ती हुई मुझ तक आ पहुंचती है।
राजस्थान के जाने माने इतिहासकार आरएस खंगारोत ने इस मामले मीडिया में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आजकल फिक्शन के नाम पर कुछ भी परोस देना फैशन बन गया है। जिसमें छोटे—मोटे इतिहासकार ऐसे बेहूदा तथ्य पेश करके अपना नाम कर लेते हैं। इतिहास के तथ्यों में बदलाव करके कोई भी कुछ भी लिख देता है और कोई उठाकर फिल्में बनाने लग जाता है।
खंगारोत ने कहा कि भारत के हिस्टॉरिकल पर्सनैलिटिज को लगातार टार्गेट किया जा रहा है। ये लोग इतिहास और उपन्यास में फर्क करना भूल गए है। इतिहास कभी भी कल्पना पर आधारित नहीं हो सकता। इधर, जयपुर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी सरकार से ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होनें कहा कि देश में फ्रीडम आॅफ एक्सप्रेशन के नाम पर कुछ भी बेचा जा रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए।