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परदे पर दिखने लगा केके टंडन का दमखम

एक दौर था जब फिल्म इंडस्ट्री में अनिवासी भारतीय कलाकारों का जलवा था। फिल्मों के विषय भी ऐसे थे जिनमें एनआरआई आर्टिस्ट के लिए काफी स्कोप रहता था। वे किसी न किसी रूप में फिल्मों का हिस्सा बने रहते थे, पर इन दिनों परदे पर मेल एनआरआई आर्टिस्ट्स बहुत कम देखने को मिल रहे हैं जबकि फीमेल्स को अच्छा स्क्रीन स्पेस मिल रहा है। वे आइटम गर्ल के तौर पर भी दिखाई दे रही हैं। यहां हम बात करेंगे एक ऐसे आर्टिस्ट की जिसने अपने दमदार अभिनय से यहां अपनी मौजूदगी को कायम रखा है और वो हैं कृष्ण कुमार टंडन, जिन्हें बॉलीवुड में केके के रूप में भी पहचान मिली है। केके टंडन को दर्शकों ने हाल ही में प्रदर्शित फिल्म मुबारकां में भी देखा है।

1972 मे दिल्ली ऑल इंडिया रेडियो में एनांउसर से अपना कॅरियर शुरू करने वाले कृष्ण उन दिनों केके टंडन के नाम से जाने जाते थे। साथ ही थियेटर भी करते थे लेकिन कुछ कारणों से उन्हें इंडिया छोड़ लंदन शिफ्ट होना पड़ा। वहां 1994 में वो बीबीसी की हिन्दी सेवा से जुड़ गये। वहां उन्होंने पत्रकार और समाचारवाचक के रूप में करीब 13 वर्षों तक काम किया। उसके बाद उन्होंने लंदन में अपनी नाटक कंपनी शुरू की जिसमें उन्होंने कितने ही नाटक किये। हिन्दी उर्दू,पंजाबी और अंग्रजी के अच्छे जानकार केके ने वहां सारी भाषाओं में नाटक लिखे। साथ-साथ निर्देशन और उनमें एक्ट भी किया।

कृष्ण कहते हैं कि दो-तीन साल पहले कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने लंदन में करण जौहर की फिल्म ‘शानदार’ में एक भूमिका के लिये मुझे कास्ट किया जिसके लिये मैने लंदन, पौलेंड तथा इंडिया में फिल्म की शूटिंग की। उसके बाद मुझे फिल्म ‘अजहर’ में एक अहम् किरदार निभाने का मौका। फिल्म ‘मुबारकां’ में मैंने एक बाबाजी की भूमिका निभाई है। इसके बाद आने वाली फिल्म होगी तापसी पन्नू के साथ ‘ मक्खणां’ तथा अक्षय कुमार के साथ ‘गोल्ड’ जिसकी शूटिंग अभी तक जारी थी तथा एक पंजाबी फिल्म है।

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