पराली जलाने की घटनाओं पर शासन का कड़ा रुख
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जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से 20 तक रिपोर्ट तलब
लखनऊ : उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों से पराली के अवशेष जलाने की घटनाएं प्रकाश में आ रही है और उन पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि शासन द्वारा इसे अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया गया है और सभी जिलों को पुनः निर्देश दिये गये हैं कि पराली, अन्य अवशेष जलाने की कोई भी घटना प्रकाश में आने पर इसे गम्भीरता से लिया जाय एवं इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए प्रत्येक दशा में 20 नवम्बर तक रिपोर्ट शासन द्वारा मांगी गयी है।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में प्रदेश के 10 जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों क्रमश: मथुरा, पीलीभीत, शाहॅजहापुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बरेली, अलीगढ़, जालौन एवं झांसी के जिलाधिकारियों से संयुक्त रूप से 18 नवम्बर तक प्रथम रिपोर्ट एवं 20 नवम्बर तक अंतिम रिपोर्ट अलग से मांगी गई है। साथ ही उनसे यह भी कहा गया है कि वे पराली, अन्य अवशेष जलाने की किसी भी घटना के प्रकाश में आने पर इसे गम्भीरता से लेना सुनिश्चित करें।