पहचानें सही सुरक्षाकवच, सनस्क्रीन लगाने का सीखें तरीका
स्किन को सुरक्षित रखने के लिए आपका सुरक्षाकवच सही है या नहीं, उसको सही तरीके से इस्तेमाल किया गया है या नहीं। अक्सर इस तरह के मामलों में हम फिसड्डी साबित होते हैं। नतीजन टैनिंग की समस्या पैदा होती है। जी,हां हम बात कर रहे हैं सनस्क्रीन लोशन की। अगर उसको इस्तेमाल करने का सही तरीका नहीं पता तो किसी भी ब्रांड का सनस्क्रीन हो वह बेअसर ही रहेगा।
स्किन टोन के अनुसार लें :
आजकल बाजार में पाउडर, जैलबेस, क्रीम आदि कई तरह के सनस्क्रीन बड़े-बड़े ब्रांड में मौजूद हैं। पर सनस्क्रीन खरीदने से पहले खुद की स्किनटोन को पहचानना जरूरी है।
डस्की हैं तो माइक्रोनाइज्ड फार्मूले वाला लें :
सनस्क्रीन फेयर कॉम्प्लेक्शन वाली महिलाओं के लिए तो ठीक है, लेकिन डस्की स्किन पर यह ग्रेइश इफेक्ट देता है, जो बड़ा ही भद्दा लगता है। इसलिए यदि त्वचा सांवली है, तो माइक्रोनाइज्ड फॉर्मूले वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। इसमें सनस्क्रीन इफेक्ट कम होता है और त्वचा पर इसकी परत दिखाई नहीं देती।
माइश्चराइजर के बाद लगाएं सनस्क्रीन :
अक्सर सनस्क्रीन को महिलाएं कोरी त्वचा पर ही लगा लेती हैं, जो सही नहीं होता है। सब से पहले त्वचा पर माइश्चराइजर लगाएं। उसके 20-30 मिनट बाद सनस्क्रीन लगाएं ताकि त्वचा पहले माइश्चराइजर को अच्छी तरह सोख ले। यदि आप चेहरे पर मेकअप लगाती हैं, तो सनस्क्रीन लगाने के बाद ही मेकअप का इस्तेमाल करें।
मिक्स न करें :
कुछ महिलाएं अपने माइश्चराइजर में सनस्क्रीन को मिक्स कर के लगाती हैं, यह तरीका भी सही नहीं होता। क्योंकि इससे सनस्क्रीन का सारा प्रभाव खत्म हो जाता है।
सनस्क्रीन लगाएं और रूकें :
यदि आप केमिकल बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो उसे लगाने के बाद 20-30 मिनट रुक कर ही धूप में जाएं ताकि क्रीम में मिले यूवी फिल्टर्स त्वचा अच्छी तरह सोख ले और उस पर एक सुरक्षाकवच बना दे।
यदि आप के सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड है, तो इस का प्रभाव लगाते ही त्वचा पर शुरू हो जाता है। लेकिन केमिकल और फिजिकल यूवी फिल्टर्स वाला सनस्क्रीन लगाने के बाद बेहतर होगा कि 15-20 मिनट रुकने के बाद ही बाहर जाएं।