लखनऊ: प्रदेश में बिजली के लिए दो करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता संघर्ष कर रहे हैं। लगभग 4 करोड़ 70 लाख किलोवाट के कुल संयोजित भार के मुकाबले बिजली सप्लाई की क्षमता महज 2 करोड़ 60 लाख है। सप्लाई क्षमता में 2 करोड़ 10 लाख किलोवाट की भारी कमी कटौती के जरिये पूरी की जा रही है। इसका खुलासा नई बिजली दर के खिलाफ दाखिल आपत्तियों से हुआ। विद्युत नियामक आयोग में दाखिल आपत्तियों के जरिये संस्थाओं और उपभोक्ताओं ने पावर कॉरपोरेशन को पहले बिजली, फिर कीमत बढ़ाने की नसीहत दी है। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सोमवार को दाखिल याचिका में बिजली व्यवस्था की दर्जनों खामियां गिनाई। परिषद ने अपनी आपत्ति में उपभोक्ताओं से घरेलू बिजली पर फिक्स चार्ज लगाए जाने को असंवैधानिक करार देते हुए इसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है। अवधेश वर्मा की ओर से दाखिल आपत्ति में वीआईपी जिलों में बेकाबू बिजली चोरी की भरपाई प्रदेश भर के उपभोक्ताओं से किए जाने को गलत करार देते हुए इसकी भरपाई राज्य सरकार से किए जाने की बात कही है। परिषद ने सवाल उठाया कि जब बिजली सप्लाई में ही लगातार कमी हो रही है तो फिर कीमत में बढ़ोत्तरी का सवाल कैसे उठता है।