
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाली सचिव स्तर की वार्ता से पहले भारत ने एक बार फिर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि पाकिस्तान पहले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों को बंद करने और आंतकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
उधर पाकिस्तान ने भारत द्वार सौंपे गए सबूतों के आधार पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। हालाकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत द्वारा सौंपे गए सबूत को पाकिस्तान पर्याप्त नहीं मान रहा। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी ऐसे संकेत आ रहे हैं कि वे भारत के साथ बातचीत की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहता है।
इसी वजह से पठानकोट एयरबेस हमले की पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, सेना प्रमुख राहील शरीफ और आईएसआई प्रमुख के साथ हुई बैठक में पठानकोट हमले की तत्काल निंदा की थी।
फिलहाल आईएसआई और सेना की ओर से आतंकियों को ट्रेनिंग की खबरें सच है तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए यह परीक्षा की घड़ी होगी।