पाकिस्तान को जख्म देने की तैयारी, तरजीही राष्ट्र का दर्जा भी छीनेगा भारत
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उरी हमले के बाद पाकिस्तान की नकेल कसने के विकल्प तलाश रही केंद्र सरकार उसका सर्वाधिक तरजीही देश (MFN) का दर्जा समाप्त कर सकती है। सिंधु नदी समझौते पर कड़े तेवर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएफएन की समीक्षा के लिए 29 सितंबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत पाकिस्तान को दिए गए सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा समाप्त करता है तो इसके दूरगामी असर होंगे। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इन कदमों के जरिए पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि पाकिस्तान ने भारत को अभी तक सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा नहीं दिया है।
पाक को 26 साल पहले मिला था एमएफएन का दर्जा : वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के आधार पर सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है। यह दर्जा दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहते हैं कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। इसके मुताबिक, दोनों देश आपस में और डब्ल्यूटीओ के बाकी सदस्य देशों को व्यापार में अहमियत देंगे। इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ‘ट्रेड टैरिफ’ मिलता है।