अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान कोर्ट ने अपाहिज को दी फांसी

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
pkaistan_1442982306इस्लामाबाद। । जबकि सुप्रीम कोर्ट ने फांसी पर रोक की उसकी अपील ठुकरा दी थी।बासित 43 साल का है और व्हीलचेयर पर है। उसे फैसलाबाद की सेंट्रल जेल में फांसी दी जानी थी। लेकिन फांसी के पहले मजिस्ट्रेट ने कहा कि बासित को जेल नियमों के अनुसार फांसी नहीं दी जा सकती। क्योंकि वह (जेल मैनुअल के मुताबिक) खुद चलकर फांसी के तख्ते तक नहीं जा सकता। अब अफसरों ने गृह मंत्रालय से इस बारे में राय मांगी है।बासित की मां ने फांसी टलने की पुष्टि की है। उसे 2009 में एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन 2010 में उसे टीबी हो गई और मैनिन्जाइटिस से शरीर के निचले हिस्से को लकवा मार गया। उसे 29 जुलाई को फांसी दी जानी थी।पिछले साल से पाकिस्तान में फांसी देना फिर शुरू हुआ थ। इसके बाद 240 लोगों को फांसी पर लटकाया जा चुका है। लेकिन किसी अपाहिज को फांसी दिए जाने का शायद यह पहला मामला है। मानवाधिकार संगठनों ने भी सरकार से बासित को फांसी न दिए जाने की अपील की है।

Related Articles

Back to top button