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पाकिस्तान पर UN सिक्यॉरिटी काउंसिल ने कहा, प्लीज नहीं…नहीं

img_20161004012349UN में रूस के दूत और अक्टूबर महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाने वाले पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर झिड़कते हुए कहा है कि यहां इस बारे में कोई बात नहीं होगी

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत विताली चर्किन ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े सवाल को बीच में ही रोकते हुए कहा, ‘मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। कृपया नहीं…नहीं…। मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता।’ रूस द्वारा अक्टूबर महीने के लिए 15 सदस्य देशों वाली परिषद की अध्यक्षता संभाले जाने पर चर्किन मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
जब उनसे पूछा गया कि वह इस मुद्दे पर टिप्प्णी क्यों नहीं करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘क्योंकि मैं सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हूं। सुरक्षा परिषद भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा नहीं कर रहा।’ चर्किन ने कहा, ‘माफ करें श्रीमान, मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। कोई टिप्पणी नहीं। कृपया माफ करें।’ जब उनसे दोबारा पूछा गया कि वह और रूस भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने से इतना ‘बच’ क्यों रहे हैं, तो चर्किन ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि आप जानते हैं। बहुत सी अन्य चीजें भी हैं।’
 चर्किन की यह टिप्पणी पाकिस्तान को निराश करने वाली है। पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते ही पीओके में इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक पर यूनाइटेड नेशन के सिक्यॉरिटी काउंसिल से संपर्क साधा था। इससे पहले यूएन के सेक्रटरी जनरल बान की मून के उपप्रवक्ता फरहान हक से भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यूएन जनरल असेंबली में की गई उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर का सपना छोड़ा देना चाहिए क्योंकि वह भारत का अभिन्न अंग है। इस पर फरहान हक ने कहा था, ‘यूएन ने भारत और पाकिस्तान की स्थिति को लेकर बयान जारी किया है और मैं फिर से उसी बयान को दोहराऊंगा।’
उनसे फिर पूछा गया कि यूनाइटेड नेशन सुषमा स्वराज की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा। इस पर हक ने कहा, ‘हमलोग यूएन जनरल असेंबली में दी गई हर स्पीच पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देते। हालांकि हमने कश्मीर पर बयान जारी किया है। हमने पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही कश्मीर की स्थिति पर प्रतिक्रिया दी थी।’
यूनाइटेड नेशन में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने यूएन में न्यू जीलैंड के राजदूत गेरार्ड वान से मुलाकात की थी। वान सितंबर महीने में यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल के प्रेजिडेंट थे। लोधी ने वान के समक्ष इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाया था। लोधी ने यूएन चीफ बान की मून से भी मुलाकात की थी। हालांकि लोधी की दोनों मुलाकात नाकाम रही। यूएन ने साफ कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देशों को संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए।
 

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