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पाकिस्तान में आठ वर्ष की निर्भया: कसूर सिर्फ इतना कि मैं थी जैनब

नई दिल्ली। दुनिया में जिनकी भी बेटियां होती हैं,वो उनका गुरूर होती हैं। लेकिन पाकिस्तान के कसूर में आठ वर्ष की जैनब न केवल दुष्कर्म की शिकार हुई, बल्कि उसके मां और पिता के गुरूर के साथ भी दुष्कर्म हुआ। ये घटना दिल्ली की सड़कों पर निर्भया कांड की याद दिलाती है। दोनों घटनाओं में फर्क सिर्फ उम्र और जगह का है। पाकिस्तान में लोग गुस्से से सड़कों पर हैं। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनल के स्टूडियो तक गुनहगार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है। जैनब की साथ घटी घटना को समा टीवी की एंकर किरन नाज ने कुछ यूं बयां की- जनाजा जितना छोटा होता है उतना ही भारी होता है और पूरा समाज उसके बोझ तले दब जाता है।पाकिस्तान में आठ वर्ष की निर्भया: कसूर सिर्फ इतना कि मैं थी जैनब

जैनब और पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री

पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री सबा कमर ने कहा कि मेरी आंखों के सामने सिर्फ तीन शब्द केवल किडनैप, रेप और मर्जर गूंज रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कानून अपनी खुद हिफाजत नहीं कर पा रहा हैं तो आप क्यों भरोसा करें। आखिर हम इस बात का इंतजार क्यों करें कि जब कोई शख्स किसी औरत के साथ बुरा सलूक करता है तो हम सिर्फ कानून की तरफ नजर उठा कर देखें। सच तो ये है कि हमें खुद आगे आना होगा। उन लोगों के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने की जरूरत होगी। यहीं नहीं बच्चियों को बैड टच और गुड टच के बारे में बताना होगा। आज हम इतने लाचार क्यों हो चुके हैं। हमें अब आगे बढ़ना ही होगा। 

…जब न्यूज एंकर ने कहा

बुलेटिन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि आज में किरन नाज नहीं हूं बल्कि एक मां हूं और इसलिए आज मैं अपनी बच्ची के साथ बैठी हूं। जैनब के बारे में बाते हुए उन्होंने कहा कि मैंने उनकी जो हालत देखी तब मुझे कुछ लम्हे लगे यह सोचने में कि खुदा-न-खास्ता अगर यह हालात मेरे सामने हो जाते तो क्या होता। जैनब की मां तो फिर भी चल पा रही हैं बात कर पा रही हैं मैं तो शायद कुछ भी न कर पाती। लेकिन फिर भी बेटी को साथ बैठाकर खबरें पढ़ने की क्या वजह हो सकती है, उन्होंने कहा कि मैंने उस दर्द को महसूस किया और इसलिए मैं अपनी बेटी को लेकर आई। मैं यह बताना चाहती थी कि मेरी बेटी मेरा फख्र है।  उन्होंने कहा कि ‘लोगों के पास इतना दिल नहीं है कि वो रोज ऐसे वाकये देखते रहें। रोजाना अपने छोटे-छोटे बच्चों को उठाएं और कब्रों में दफ्न करें। और बस यह सोचकर रह जाएं कि शायद वह जालिम इंसान पकड़ा जाएगा। अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है इसलिए पूरे पाकिस्तान के लोग बाहर निकल आए हैं।

कसूर में वारदात को अंजाम

पाकिस्तान में कसूर नाम की एक जगह है। ये जगह चार-पांच दिनों से बहुत चर्चे में हैं। चर्चा की वजह है आठ साल की जैनब। जो पाकिस्तान के कसूर की रहने वाली थी। थी इसलिए क्योंकि वो अब नहीं है। इतनी छोटी उम्र में दुनिया को अलविदा कहने के पीछा ना कोई बीमारी थी ना कुछ और कारण, बल्कि उस छोटी सी बच्ची की जान एक इंसान की हवस ने ले ली। 

जैनब को चार जनवरी को उस समय किडनैप कर लिया गया था जब वो ट्यूशन के लिए घर से निकली थी। पुलिस को जब उसकी बॉडी मिली तो वो ऐसी हालत में थी जिसे बयां करना मुश्किल था। जैनब के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। फिर उसकी लाश को कचरे के ढेर में फेंक दिया गया था। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में इस तरह की वारदात पहली बार हुई हो। लेकिन ये पहली बार हो रहा जब जैनब को इंसाफ दिलाने के लिए आम से लेकर खास लोग सामने आए।

आरोपी की तलाश में 200 से अधिक अफसर लगे 

पुलिस का कहना है कि आरोपी को पकड़ने के लिए उन्होंने दो सौ से ज्यादा पुलिस अफसरों को लगाया है। स्थानीय प्रशासन ने ये भी माना है कि ये कोई एक ही शख्स है जो बच्चों का किडनैप कर उनकी हत्या कर रहा है। इस समय शहर के अलग-अलग थानों में ऐसे केस दर्ज हैं जिनमें बच्चों को अगवा कर उनकी लाश इस इलाके में फेंक दी गई है।

दुनिया भर में सोशल मीडिया पर ‘जस्टिस फॉर जैनब’ हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। जिसमें पाकिस्तान के दिग्गज से लेकर आम लोग जस्टिस की बात कर रहे हैं। ‘जस्टिस फॉर जैनब’ हैशटैग से अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं। 

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