पाकिस्तान: हिंदू छात्रा की मौत पर शुरू हुई न्यायिक जांच, पुलिस ने किए खुलासे
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बुधवार को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सिंध प्रांत में हुई हिंदू छात्रा की रहस्यमयी मौत की न्यायिक जांच शुरू कर दी है। सिंध प्रांत के लरकाना जिले में बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज की अंतिम वर्ष की छात्रा और सामाजिक कार्यकर्ता निमरिता चांदनी को उसकी सहेलियों ने 16 सितंबर को मृत पड़ा देखा था। उस दौरान उसका शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था और उसके गले में रस्सी लिपटी हुई थी। चांदनी के परिवार ने आरोप लगाया था कि उसकी हत्या की गई है। इसके बाद सिंध उच्च न्यायालय ने 25 सितंबर को चांदनी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए।
इसके लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया गया है जिसमें लरकाना जिला और सत्र न्यायाधीश शामिल हैं। उन्होंने चांदनी की रहस्यमयी परिस्थिति में मृत्यु के मामले में न्यायिक जांच शुरू कर दी है। न्यायाधीश ने लरकाना एसएसपी मसूद बंगश के साथ बैठक की, जिन्होंने इस मामले में विस्तार से जानकारी दी।
बंगश ने बताया कि, न्यायाधीश शुक्रवार से संबंधित सभी पक्षों के बयान दर्ज करेंगे, वह छात्रावास के कमरे में भी जाएंगे, जहां नमृता का शव मिला था और पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सेलफोन और लैपटॉप की फॉरेंसिक रिपोर्ट की भी जांच करेंगे।
पुलिस ने चांदनी के कॉलेज से दो छात्रों मेहरान अब्रो और शान अली को गिरफ्तार किया है, जिन्हें चांदनी का करीबी बताया रहा है। उनके सेलफोन और लैपटॉप की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि अब्रो और नमृता के बीच रोमांटिक संबंध थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब्रो ने कहा कि चांदनी ने उसके साथ शादी की संभावना पर चर्चा की थी। उसने यह भी खुलासा किया कि उसने चांदनी से शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
इससे पहले, बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनीवर्सिटी प्रशासन ने कहा था कि, चांदनी ने छात्रावास में अपने कमरे में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी।
वहीं नमृता के भाई डॉ विशाल सुंदर ने दावा किया था कि यह आत्महत्या नहीं है उसकी हत्या की गई है। विशाल ने मीडिया को बताया था कि उसके गले में निशान से पता चलता है कि उसने आत्महत्या नहीं की थी। उसकी गर्दन के निशान केबल के तारों से बने हुए लग रहे थे, जबकि उसकी बाहों पर जो जख्म थे उससे साफ पता चलता है कि कोई उसे पकड़ रहा था। विशाल कराची के डॉव मेडिकल कॉलेज में मेडिकल कंसल्टेंट हैं।