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पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी की नागरिकता योजना पर सवाल
पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी को लेकर अभी तक भारत में ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर चल रहा था। अब उसे नागरिकता देने वाले एंटीगुआ व बारबूडा की राजनीतिक पार्टियों में भी हलचल दिखने लगी है। वहां की राजनीतिक पार्टियों को अब लगने लगा है कि उनके देश ने मेहुल चौकसी को नागरिकता देकर आफत मोल ले ली है। वहां के प्रमुख विपक्षी दल यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी (यूपीपी) ने, जिस निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत मेहुल चौकसी को एंटीगुआ व बारबूडा की नागरिकता प्रदान की गई है, उसी पर सवाल उठा दिया है। पार्टी के प्रवक्ता दमनी ताबोर ने तो यहां तक कह दिया कि निवेश कार्यक्रम के तहत नागरिकता देने की योजना एक घोटाले का रूप लेती जा रही है। इससे वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई है।
13,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी के देश से बाहर निकलने के मामले में सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरा था। विपक्षी दलों का आरोप था कि केंद्र सरकार की ढिलाई के बिना मेहुल चौकसी बाहर नहीं जा सकता था। इस मामले को लेकर विपक्ष ने सत्तापक्ष पर तरह तरह के आरोप लगाए थे। उस वक्त तक किसी को यह अंदाजा नहीं था कि मेहुल चौकसी के पास विदेशी नागरिकता है।
अभी कुछ दिन पहले ही सीबीआई, जो कि पीएनबी घोटाले की जांच कर रही है, को यह मालूम पड़ा था कि चौकसी के पास एंटीगुआ बारबूडा की नागरिकता भी है। इसके बाद विदेश मंत्रालय हरकत में आया और इन दोनों देशों से मेहुल के हवा, पानी और जमीन पर आने-जाने की पाबंदी लगाने की मांग कर दी। मेहुल को भारत लाने की दिशा में यह पहला ठोस कदम माना जा रहा है।