नई दिल्ली। बिहार के गया में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। लेकिन इस रैली में अव्यवस्था का आलम रहा और रैली के दौरान खूब बवाल हुआ। दरअसल रैली स्थल पर उम्मीद से ज्यादा लोगों की भीड़ जुट गई थी, जबकि आयोजकों ने अपेक्षाकृत कम लोगों के हिसाब से व्यवस्था की थी। इस दौरान रैली में दो गुटों के बीच झगड़ा हो गया, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई। लोगों ने कुर्सियां उठाकर एक दूसरे पर और कुछ लोगों ने जमीन पर पटकना शुरु कर दिया। वहीं कुछ लोग इस दौरान अपने आप को बचाते हुए भागते भी दिखाई दिए।
मंच से हुई शांति बनाए रखने की अपीलः हिन्दुस्तान की एक खबर के अनुसार, पीएम मोदी के सभा स्थल पर पहुंचने से करीब पौने दो घंटे पहले रैली स्थल पर भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ लोग कुर्सी लेकर आगे बढ़ने लगे तो कुछ अन्य लोगों ने भी उनका अनुसरण किया। जब उन्हें रोका गया तो लोगों ने कुर्सियां एक दूसरे पर फेंकना शुरु कर दिया। कुछ देर के लिए रैली में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। बताया जा रहा है कि जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंच पर पहुंचे तो एक बार फिर स्थिति बेकाबू होती दिखाई दी। बहरहाल इसके बाद मंच से भीड़ को शांत होने की अपील की गई। इसके बावजूद जब स्थिति नहीं संभली तो नेताओं ने देशभक्ति के नारे लगवाने शुरु किए, जिसका असर भी देखने को मिला और लोगों ने कुर्सियां छोड़कर नारे लगाने शुरु कर दिए, इस तरह स्थिति काबू में आ सकी।
पीएम मोदी रैली के दौरान विपक्ष पर रहे हमलावरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार के जमुई और गया में दो रैलियों को संबोधित कर लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी। रैली के दौरान प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों पर हमलावर रहे। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के उस बयान को आड़े हाथों लेते हुए, जिसमें अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की मांग की थी, उस पर पीएम मोदी ने भरसक आलोचना की और विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को महामिलावट करार दिया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने देश की सुरक्षा, हिन्दू आतंकवाद, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष को निशाने पर लिया।