पीसीएस अधिकारी की पत्नी का भतीजे ने किया कत्ल, खुद फांसी लगाकर दी जान
लखनऊ. तालकटोरा के राजाजीपुरम में सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां पीसीएस अधिकारी घनश्याम वर्मा की पत्नी अनीता वर्मा को उनके ही भतीजे अजीत वर्मा ने कत्ल कर दिया. चाची की हत्या के बाद भतीजे ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. परिवार के लोगों को जब इस घटना का पता लगा तो चीख-पुकार मच गई. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
घनश्याम वर्मा प्रयागराज में निबंधन विभाग में तैनात हैं. राजाजीपुरम के ई ब्लॉक में उनकी 45 वर्षीय पत्नी अनीता वर्मा दो बेटों और 34 साल के भतीजे अजीत वर्मा के साथ रहती थी. अनीता वर्मा रोज डांस क्लास करने जाती थी. सोमवार को भी वह बच्चों से डांस क्लास के लिए जाने की बात कहकर अजीत के साथ घर से निकली. देर रात तक जब वह और अजीत घर लौटकर नहीं आए तो बेटों को चिंता होने लगी. उनका फोन नंबर मिलाया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका. देर रात परिवार के सदस्य मकान की तीसरी मंजिल पर पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए. अनीता का शव बाथरूम में पड़ा हुआ था जबकि उससे सटे कमरे में अजीत फंदे से लटका हुआ था. दोनों के शव देखते ही परिवार के सदस्यों में चीख-पुकार मच गई. सूचना पाकर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू की.
एडीसीपी पश्चिमी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अजीत वर्मा कई साल से यहां अपने चाचा घनश्याम वर्मा के परिवार के साथ ही रह रहा था. वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था, लेकिन बीते 2 साल से कोरोना महामारी के चलते प्रॉपर्टी का काम ठप हो गया था जिससे वह डिप्रेशन में रहने लगा था. अनीता की हत्या और अजीत के खुदकुशी करने की कोई स्पष्ट वजह अब तक सामने नहीं आ सकी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों के बीच में किसी बात को लेकर अनबन हुई होगी जिसकी वजह से डिप्रेशन के शिकार अजीत ने अपनी चाची को जान से मार दिया होगा. इसके बाद आत्मग्लानि की वजह से खुद भी अपनी जान दे दी होगी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अनीता का शव मकान की तीसरी मंजिल पर स्थित कमरे के बाथरूम में पड़ा हुआ था. पास ही रबर का पाइप पड़ा था. अनीता के गले में पाइप से कसे जाने के निशान थे. साफ है कि अजीत ने रबर के पाइप से अपनी चाची की गर्दन कसके उन्हें मौत के घाट उतारा था. एडीसीपी पश्चिमी ने बताया कि अजीत के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है. उसे उसके चाचा घनश्याम वर्मा ने ही उसे पाला-पोसा था.