पूर्व इसरो प्रमुख माधवन नायर भाजपा में शामिल, चार और ने ली सदस्यता
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर भाजपा में शामिल हुए। शनिवार को केरल दौरे पर पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें सदस्यता दिलाई। उनके अलावा चार और लोग भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता जी रमन नायर भी शामिल हैं। भाजपा के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर कांग्रेस ने रमन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। यह कार्यक्रम तिरुवनंतपुरम के एक होटल में शनिवार रात हुआ। अमित शाह ने इन लोगों से मुलाकात की और पार्टी की सदस्यता दिलाई। महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रमिला देवी, जेडीएस नेता दिवाकरन नायर और मलांकरा चर्च के थॉमस जॉन ने भी भाजपा का दामन थामा है।
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: इसरो के पूर्व प्रमुख माधवन नायर भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। माधवन अंतरिक्ष आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। 1998 में उन्हें पद्म भूषण और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। केरल के तिरुवनंतपुरम में रहने वाले माधवन ने 1966 में केरल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि ग्रहण की और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसरो के अध्यक्ष पद को सँभालने से पहले उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की। उनके कार्यकाल के दौरान इसरो ने 25 सफल मिशन पूरे किए जिनमें र्टोसैट-1, हैमसैट-1, इन्सैट-4ए, पीएसएलवी-सी5, जीएसएलवी-एफ़1 से लेकर पीएसएलवी-12, पीएसएलवी-सी14 और ओशनसैट-2 तक कई और भी शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उन्होंने कई अंतरिक्ष एजेंसियों और फ्रांस, रूस, ब्राजील, इजराइल जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग और वार्ता के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया। उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभप्रद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग समझौतों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नायर पिछले कुछ महीने से भाजपा के कार्यक्रमों में मौजूदगी दर्ज करा रहे थे। उन्होंने कहा, ”विकास के लिए मोदीजी के विचारों में मेरी रुचि है। हालांकि, भाजपा के लिए बहुत कम समय के लिए काम किया। अब अमित शाह ने आधिकारिक तौर पर मुझे मौका दिया।” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के पूर्व डीजीपी टीपी सेनकुमार भी होटल की लॉबी में शाह से मुलाकात के लिए इंतजार करते नजर आए थे। वे फिलहाल, पिनरई विजयन सरकार से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके अलावा शाह ने पद्मनाभ राजघराने के पीजी शशिकुमार वर्मा से भी चर्चा की। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा है कि इस मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं हैं।