देहरादून । कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और हरीश रावत ने अब सार्वजनिक उपक्रमों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर टिहरी डैम को बेचे जाने की साजिश का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ टीएचडीसी मुख्यालय ऋषिकेश में सांकेतिक उपवास पर बैठने की घोषणा की।
सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सरकारी उपक्रमों और संस्थाओं की नींव डालकर आज के भारत के निर्माण की बुनियाद ही नहीं रखी, बल्कि उसमें इमारत भी खड़ी कर दी। आज की सत्ता, भारतीय अर्थव्यवस्था के उसी कोर सेक्टर सरकारी उपक्रमों को एक-एक कर पूंजीपतियों के हाथ में बेच रही है।
अब उत्तराखंड के सपनों का सागर टिहरी सागर को भी बेचा जा रहा है। हमारा नारा है, नेहरू के सपनों को मिटने नहीं देंगे। उत्तराखंड की संपत्तियों को बिकने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि नेहरू जी के जन्मदिन पर टिहरी डैम को को बेचे जाने की साजिश के खिलाफ सांकेतिक उपवास उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि उपवास में शामिल हों।
29 को अयोध्या जाएंगे हरदा
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने 29 नवंबर को अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करने की घोषणा भी की है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर पर कांग्रेस भले ही फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही हो, लेकिन हरीश रावत ने पार्टी के भीतर और बाहर इस मामले में स्टैंड साफतौर पर रख दिया है। उनका यह भी कहना है कि राम आराध्य देव हैं। अयोध्या जाकर उनसे यह प्रार्थना भी करूंगा कि देश में अब धर्म के आधार पर अशांति फैलाने की कोशिश न हो।