जीवनशैली

प्यार क्या है, यह आखिर कब होता है

प्यार  एक मीठा एहसास है, जो होते ही दिल की गहराइयों में उतर जाता है। अगर हम किसी से सच्चा प्यार करते हैं तो हम उसके लिए वक्त आने पर अपनी जान की बाजी लगा देते  हैं। यही नहीं हम अपने जीवन साथी के लिए बहुत कुछ करते है, जिससे वह हमेश खुश रहे और मुश्कुरए क्यू की हम अपने प्यार या जीवनसाथी का चेहरा हरदम मुस्कुराता हुआ देखना पसंद करते हैं। तो आइये जानें प्यार के बारे में और बहोत कुछ।

कहने वाले प्यार को जादू, दर्द, नशा या फिर एक रूमानी एहसास कहते हैं पर सच बात तो यही है कि है कि दुनिया का कोई भी रिश्ता प्यार के बिना अधूरा होता है। इसलिए जरूरी है कि प्यार के इस बेहद खुशनुमा एहसास को दिल से महसूस किया जाए और जाना जाए कि आखिर ये प्यार है क्या! और इसका हमारी लाइफ व दिमाग पर क्या प्रभाव पडता है। किसी से अचानक प्यार हो जाना और हमेशा उसमें खोए रहना यह सब अपने आप से नहीं होता औन ना ही दिल से, बल्कि यह प्रकृति की सरंचना है। हमारे मस्तिष्क में होने वाली कुछ रासायनिक क्रियाएं तथा जीन सम्बन्धी संरचनाएं और विषेशताएं ही प्यार हो जाने का प्रमुख आधार होती है, क्योंकि इस दौरान व्यक्ति के बौडी में जैव रासायनिक समीकरण जन्म लेते हैं और यह अभिक्रिया उसे प्रकृति के मकसद को पूरा करने की दिशा की ओर ले जाती है और इन्हीं की बदौलत प्यार और उसकी गहराई तय होती है। प्यार तीन रूपों में आता है और हर रूप के पीछे अलग-अलग हार्मोन जुडे होते हैं। यह दरअसल वासना होती है, जो सैन्स हार्माेन टेस्टोस्टीरॉन और ऑस्ट्रोजन से उत्पन्न होती है। टेस्टोस्टीरॉन सिर्फ पुरूषों में ही नहीं उत्पन्न होता, यह महिलाओं में भी उतनी ही सक्रिय होता है। यहां से प्यार होने की शुरूआत हो जाती हैजब लोग प्यार मेंपडते हैं तो उन्हें दूसरा कुछ नहीं सूझता, उनकी भूख-प्यास खत्म हो जाती है नींद उड जाती है और हर वक्त अपने प्रेमी के बारे में साचने में बिता देते हैं। कहीं प्यार को मोहब्बत तो कहीं इश्क के नाम संबोधित किया जाता है। तीन अक्षरों से बने प्यार को कवियों और शायरों ने फूलों-सी कोमलता, ओस के बूँद की निर्मलता और ईश्वर की सच्चे मन से की जाने वाली प्रार्थना के सामान माना है। प्यार वो परिपूर्ण ता है, जो एक व्यक्ति को जहनी तौर पर ही नहीं बल्कि भौतिक और सामाजिग तौर पर भी खास महसूस कराता है। प्यार आत्मा में बसने वाला पवित्र भाव है। र कब और कहां हो जाए कहा नहीं जा सकता, क्योंकि प्यार किया नहीं जाता है बल्कि हो जाता है। एक अंजान व्यक्ति लाइफ में आकर दिल में कुछ ऎसी जगह बना लेता है कि ना तो भूख लगती है और ना ही देश दुनिया की फिक्र होती है। पर जिंदगी में यह बदलाव एकदम से नहीं आता बल्कि यह धीरे-धीरे गहरा होता है और कई स्थितियों से गुजकर जिंदगी का अहम हिस्सा बनता है। प्रेमी को इस बात का एहसास कराने के लिए आप उन्हें कितना प्यार करते हैं कई तरह से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। यह प्यार का सबसे कोमल स्वरूप होता है, जिसमें चाहे अच्छा वक्त हो या बुरा वक्त हर पल साथ निभाने की भावना अपने आप आ जाती है।

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