प्रतिदिन 300 ट्रेनें चलाने को तैयार, लेकिन राज्य नहीं दे रहे साथ : पीयूष गोयल
नई दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस स्थिति के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही कहा है कि वह हर दिन 300 ट्रेनें चलाने को तैयार हैं, लेकिन राज्यों की ओर इसकी अनुमति नहीं मिल रही है। इसके चलते कामगारों को यह कष्ट सहना पड़ रहा है। उन्होंने इस दौरान बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों के रवैये की जमकर आलोचना की और कहा कि इन राज्यों से अब तक सिर्फ कुछ ही ट्रेनों को चलाने की अनुमति मिली है।
पीयूष गोयल ने साफ किया कि अब तक एक हजार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की स्वीकृति मिली है, इनमें 932 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। कुल चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 75 फीसद ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं।
वहीं, बंगाल के लिए अब तक सिर्फ दो ट्रेनें चली हैं। गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद पांच और ट्रेनों को चलाने की अनुमति दी गई है। साथ ही 15 जून तक यानी अगले 30 दिनों में 105 ट्रेनें चलाने की सूचना दी है। बावजूद इसके देश में अकेले बंगाल के करीब 40 लाख लोग बाहर रहते हैं जो इस संकट के समय अपने घरों को लौटना चाहते हैं, लेकिन बंगाल सरकार के इस रवैये से उन सभी को कष्ट उठाना पड़ रहा है। जिन 105 ट्रेनों को चलाने की बात कही है, वह भी अभी सिर्फ सूचना भर है। कोई ब्योरा नहीं दिया है।
गोयल ने कहा कि ऐसी ही स्थिति झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को लेकर भी है। जहां अब तक सबसे कम ट्रेनें चली हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि वह प्रवासी कामगारों के घर नहीं लौट पाने और रास्ते में उन्हें हो रहे कष्टों से परेशान हैं, लेकिन राज्यों का रवैया ठीक नहीं है। इसके बाद भी वह सभी राज्यों से संपर्क में हैं। जिस भी राज्य से अनुमति मिलेगी, वह तुरंत ट्रेन रवाना कर देंगे। गोयल ने बताया कि गुरुवार को 145 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। रेलवे सभी सुरक्षा मानकों के तहत यात्रियों की जांच करके इनका संचालन कर रहा है।