प्रदूषणमुक्त सफर की तैयारी, पटना में केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी सिटी बसों का होगा परिचालन
पटना: तक बीएसआरटीसी के काफिले से डीजल चालित सिटी बसें पूरी तरह से बाहर हो जायेंगी और शहर में केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी सिटी बसें चलेंगी. यह निर्णय शहर में प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लिया गया है और इससे राजधानीवासियों को शोर और प्रदूषणमुक्त सफर का आनंद मिलेगा. वर्तमान में बीएसआरटीसी के पास 143 सिटी बसों का काफिला है. इनमें 93 बसें प्रदूषणमुक्त हैं, जिनमें 70 सीएनजी बसें हैं. इनमें 50 बसें नयी हैं और 20 पुरानी डीजल बसों में किट लगा कर सीएनजी में कन्वर्ट की गयी बसें हैं. साथ ही 23 इलेक्ट्रिक बसें हैं. बाकी 50 बसें डीजल से चलने वाली हैं. इनमें से कुछ को योजनाबद्ध तरीके से नयी सीएनजी बसों से बदल दिया जायेगा, जबकि बाकी डीजल बसों को किट लगा कर सीएनजी में कन्वर्ट कर दिया जायेगा.
बीएसआरटीसी की आेर से इन दिनों 40 नयी सीएनजी बसों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है. इनमें 20 सीएनजी बसें सामान्य यात्रियों के लिए हैं, जबकि 20 बसें डिसएबल फ्रेंडली हैं, जिनमें दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं होंगी. इनमें उन्हें ट्राइ साइकिल समेत बैठाया जा सकेगा. साथ ही सामान्य यात्री भी इनमें सफर कर सकेंगे. बीएसआरटीसी के प्रशासक श्याम किशोर ने बताया कि सामान्य सीएनजी बसों के टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और सितंबर में इसकी आपूर्ति और परिचालन शुरू हो जायेगा. हालांकि डिसएबल फ्रेंडली बसों की टेंडर प्रक्रिया पूरी करने में परेशानी हो रही है, क्योंकि विशेष सुविधाओं से युक्त इन बसों के आपूर्तिकर्ता बेहद कम हैं. इसके कारण पिछले पांच बार से केवल एक वेंडर के टेंडर भरने के कारण इसे आवंटित नहीं किया जा पा रहा है. जल्द ही छठी बार इसका टेंडर निकाला जायेगा.
वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग से भी शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए 25 सीएनजी बसों की खरीद के लिए बीएसआरटीसी को राशि मिलने की संभावना है. इसके लिए बातचीत चल रही है और अंतिम स्वीकृति मिलती है तो दिसंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर इनकी आपूर्ति कर दी जायेगी. अगले वर्ष जनवरी से इनका परिचालन भी शुरू हो जाने की संभावना है.