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प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में उफान जारी

प्रयागराज : मध्य प्रदेश की केन, बेतवा नदियों तथा कानपुर एवं नरौरा बैराज से छोडे गये पानी के कारण प्रयागराज में पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी जारी है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे गंगा और यमुना का जलस्तर क्रमश: फाफामऊ में गंगा 83.07 मीटर, छतनाग 82.32 मीटर और नैनी में यमुना 82.96 मीटर दर्ज किया गया। शुक्रवार सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.33 मीटर, छतनाग में 81.58 मीटर और नैनी में यमुना 82.14 मीटर दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा फाफामऊ और छतनाग में 74 -74 सेंटीमीटर तथा नैनी में यमुना 82 सेंटीमीटर की रफ्तार से बह रही थी।

वर्तमान में गंगा फाफामऊ दो सेंटीमीटर, छतनाग चार सेंटीमीटर और यमुना तीन सेंटिमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। बेतवा नदी माताटीला बांध से शुक्रवार को आठ लाख और केन नदी मे बारियारपुर बाँध से चार लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया जिससे यमुना और नरौरा बांध से एक लाख तथा कानपुर से दो लाख क्यूसिक पानी गंगा में छोड़े जाने दोनों नदिया उफनाई है। गंगा और यमुना खतरे का निशान 84.73 मीटर दर्ज है। गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान से 1.66 मीटर, छतनाग में 2.41 और नैनी में यमुना 1.77 मीटर नीचे बह रही है। दारागंज, कीडगंज, गऊघाट, छतनाग आदि घाट से मलल्लाहों की दर्ज़नों नाव गंगा की भेंट चढ़ गईं। बांध के नीचे तीर्थ पुरोहितो की चौकी भी बह गई। बाढ़ को देखते हुए निजी नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। नदी में नहाने वालों को सतर्कता बरतने के साथ एक निर्धारित सीमा से आगे नही जाने का निर्देश दिया गया है। किसानों की खड़ी फसल को बाढ़ से भारी सुकसान हुआ है। गौरतलब है कि गंगा बंधवा पर लेटे बड़े हनुमान का जलाभिषेक कर पांव पखारने के बाद धीरे शांत हो गयी थी लेकिन पिछले गुरुवार को दोबारा स्नान कराया।

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