एक नए अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं मछली का सेवन करती हैं, उनके बच्चे अस्थमा से मुक्त रह सकते हैं। मछली के तेल में ओमेगा 3 पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो गर्भवती महिलाओं के बच्चों को शुरू के दिनों में विकसित होने वाली सांस की समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को रोजाना मछली के तेल का सेवन करना चाहिए। यहां तक की बच्चे के जन्म हो जाने के कुछ महीनों बाद तक भी उन्हें मछली के तेल का सेवन करते रहना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। साथ ही यह बच्चे के पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन में किए गए एक शोध के अनुसार, जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान मछली के तेल का सेवन करती हैं उनके बच्चों को अंडे से एलर्जी होने की सम्भावना 30 प्रतिशत कम हो जाती है।