जब गोली प्रमोद को नहीं लगी तो प्रेमी ने उसे फावड़े के डंडे से मौत की नींद सुला दिया। इससे पहले वह पिता की चीखें सुनती रही। फिर कहा कि, तब वंदना ने यहां तक कहा कि ये पुष्टि करो कि उसका पिता मरा या नहीं।
नौकर राम किशोर पहले दिन से पुलिस के रडार पर था। जब उसकी कॉल डिटेल निकाली तो सामने आया कि घटना के समय वे एक-दूसरे के संपर्क में थे। पुलिस ने जब प्रेमी रामकिशोर और वंदना का आमना-सामना कराया तो पूरे हत्याकांड की परत दर परत खुलती गई।