एजेंसी/ नई दिल्ली। देश का लगभग हर तीसरा ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस समय पांच करोड़ से अधिक लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे सड़कों पर वाहन चला रहे हैं। सरकार इसके लिए जल्द सजा बढ़ाने जा रही है। ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी पाए जाने पर अब अधिकतम एक साल जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को बताया कि भारत में 30 फीसद ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। हमें इसे रोकना होगा। सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक को महत्वपूर्ण बताते हुए गडकरी ने कहा कि लगभग डेढ़ लाख लोग हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं। नए कानून लागू हो जाने से पूरी व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव आएगा।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में बैठे लोग अपने निहित स्वार्थों की वजह से पारदर्शिता और कंप्यूटरीकरण का विरोध कर रहे हैं। इसके चलते विधेयक पारित होने में देरी हो रही है। लेकिन हमें उम्मीद है कि संसद के अगले सत्र में इस विधेयक को पारित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कंप्यूटरीकरण के अलावा सरकार ड्राइविंग सेंटर खोलने की योजना भी बना रही है। एक अधिकारी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लगभग 18 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंसों का आंकड़ा जुटाया। इनमें लगभग 5.4 करोड़ लाइसेंस फर्जी पाए गए।
सजा बढ़ाने की सिफारिश
- केंद्र सरकार ने राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया था।
- अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में इस समूह ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर सजा बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।
- फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाने पर अधिकतम एक साल जेल की सजा और 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा।
- इस समय ऐसे मामलों में अधिकतम तीन माह जेल की सजा और पांच सौ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
नाबालिगों पर और सख्ती
यदि कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया, तो उसके अभिभावक को तीन साल तक जेल की सजा होगी। उसके अभिभावक पर 20 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा और वाहन का पंजीकरण भी रद कर दिया जाएगा। यदि नाबालिग के गाड़ी चलाने से कोई गंभीर रूप से घायल होता है या किसी की मौत होती है, तो उसे बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा। पहले से उसके खिलाफ चलान होने की स्थिति में उसको बेल भी नहीं मिलेगा।
अब इस तरह मिलेगा लाइसेंस
नितिन गडकरी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब हम ऑनलाइन व्यवस्था करने जा रहे हैं। इसके लिए अब एक कंप्यूटराइज्ड टेस्ट होगा। नेताओं और अधिकारियों से लेकर बड़ी हस्तियों तक को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यह टेस्ट देना होगा। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।