फार्च्यून मैगजीन का दावा भारत बन सकता है दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
एजेंसी/ नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार आने के बाद एक नयी रफ्तार मिली है, जिसे दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित फार्च्यून मैग्जीन ने भी सराहा है। फार्च्यून मैगजीन ने अपने लेख में भारत की अर्थव्यवस्था को आने वाले समय की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला देश बताया है।
इसकी बड़ी वजह है चीन की युवा आबादी का धीरे-धीरे कम होना। चीन में एक ही बच्चा पैदा करने की नीति है जिसके चलते चीन में व्यापार की रफ्तार धीमी हो रही है। जबकि भारत में युवा आबादी देश की अर्थव्यवस्था को नयी उंचाइयों पर ले जा रही है। अर्नस्ट एंड यंग के अनुसार भारत की कार्य क्षमता 2020 तक 900 मिलियन हो जाएगी। वहीं इस मायने में अमेरिका तीसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरेगा जिसके पास 160 मिलियन कार्यक्षमता है। किसी भी अर्थव्यवस्था की श्रमिक सबसे बड़े स्ंतंभ होते हैं, ऐसे में भारत के युवाओं की तकनीकी क्षमता में विकास अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है। मौजूदा समय में भारत के सिर्फ 2 फीसदी लोगों के पास आधिकारिक स्किल की ट्रेनिंग है। जबकि यूके में यह 68 फीसदी और जर्मनी में 75 फीसदी और साउथ कोरिया में यह 96 फीसदी है। रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड के सर्वे के अनुसार 2010 में भारत को 40 लाख सिविल इंजीनियर की जरूरत थी जबकि सिर्फ 509000 ही उपलब्ध थे। लेकिन 2020 तक भारत के पास सिर्फ 778000 सिविल इंजीनियर होंगे, जबकि जरूरत 4.6 मिलियन की होगी। वहीं भारत में ऑर्किटेक्ट्स की जरूरत पर नजर डालें तो 2020 तक भारत को 427000 आर्किटेक्ट की जरूरत होगी जबकि सिर्फ 17 फीसदी ही उपलब्ध होंगे। ऐसे में अगर भारत अपने मानव संसाधन का सही इस्तेमाल करता है और बेहतर श्रमकिों को तैयार कर सकता है तो भारत बहुत तेजी से चीन से आगे निकल जाएगा।