जीवनशैली

फूलों से खिली-खिली रहेगी आपकी सेहत

फूलों से खिली-खिली रहेगी आपकी सेहत जैसमीन (चमेली)
इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो वाटर रिटेंशन की समस्या में भी फायदेमंद होता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जैसमीन की चाय शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाती है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। मन शांत रखने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
 
लोटस (कमल)
विटामिन-बी, सी और फॉस्फोरस का अच्छा स्त्रोत कमल का फूल एसिडिटी, अल्सर, हाई ब्लडप्रेशर, एंजायटी आदि समस्याओं के साथ ही लिवर रोगों में भी फायदेमंद है। कमल की जड़ ब्रेन हेमरेज से होने वाले रक्तस्त्राव में लाभदायक होती है। इसे खाने से खून के थक्के जल्दी बनते हैं और रक्तस्त्राव रुक जाता है। 
ईवनिंग प्रिमरोज
ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल मेडिकल स्टोर्स पर आसानी से उपलब्ध हैं। आमतौर पर इनका उपयोग महिलाओं में हार्मोन के बदलाव के कारण स्तनों में दर्द, कड़ापन या गांठ आदि समस्याओं में किया जाता है। चिड़चिड़ेपन, एंजायटी या डिप्रेशन में भी यह लाभदायक होता है। मेनोपॉज के दौरान हार्मोंस में उतार-चढ़ाव की समस्या में भी यह फायदेमंद है।
 
हिबिस्कस (जवा फूल)
जवा फूल भी रोगों में कारगर साबित होता है। इसको उबाल कर ठंडा किया हुआ पानी पीने से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण पाया जा सकता है। साथ ही लिवर के विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 
रोज (गुलाब)
यूनानी चिकित्सा में इसका प्रयोग लेक्सेटिव के तौर पर खूब होता है। यह ठंडी तासीर का फूल है। गर्मियों में इसका शर्बत बनाकर या ठंडाई में प्रयोग कर पी सकते हैं। गुलाबजल स्किन को ताजा और हाइड्रेटेड रखने का अच्छा जरिया है।

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