बड़ा फैसला: NRI से शादी का 48 घंटे में कराना होगा रजिस्ट्रेशन, वरना नहीं मिलेगा वीज़ा
NRI व्यक्ति से शादी करने के मामले पर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि भारत में लड़कियों की एनआरआई पुरुषों से शादी का 48 घंटे में पंजीकरण कराना होगा और ऐसा नहीं करने पर पासपोर्ट एवं वीजा जारी नहीं किए जाएंगे.
वैसे, भारत में विवाह के पंजीकरण के लिए कोई समयसीमा तय नहीं है, हालांकि विधि आयोग की एक रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि विवाह के 30 दिनों के भीतर पंजीकरण को अनिवार्य बनाया जाए और इस अवधि के बाद प्रति दिन पांच रुपये के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा.
मेनका ने कहा, ‘‘एनआरआई से जुड़ी शादियों का पंजीकरण 48 घंटे के भीतर कराना होगा और ऐसा नहीं करने पर पासपोर्ट और वीजा जारी नहीं किए जाएंगे.’’
उन्होंने कहा कि इसके लिए पोर्टल तैयार किया गया है, इस पोर्टल पर एनआरआई दूल्हों से की जाने वाली शादी का पंजीकरण कराना होगा. अभी तक ऐसे पांच मामलों में एनआरआई दूल्हों का पासपोर्ट जब्त किया गया है.
उन्होंने कहा कि भारत की लड़कियों से शादी कर एनआरआई पुरुषों के विदेश भागने की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय साथ काम कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि तीनों मंत्रालयों के संयुक्त सचिवों की एक समिति बनाई गई है जो ऐसे मामलों में शिकायत आने पर कार्रवाई सुनिश्चित करती है. मेनका गांधी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को आज अपने मंत्रालय की बड़ी सफलता करार दिया और कहा कि दुनिया में कहीं भी सामाजिक बदलाव की किसी योजना को इतने कम समय में जमीनी स्तर पर नहीं उतारा गया.
चार साल का दिया ब्योरा
नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर मेनका ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों और महिला एवं बाल विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के प्रभाव का उल्लेख किया. मंत्री ने ‘राष्ट्रीय महिला नीति’, ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’, वन स्टॉप सेटर (सखी), 181-महिला हेल्पलाइन, ई-बॉक्स, शी-बॉक्स और कई दूसरी योजनाओं और कदमों का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में जल्द सजा सुनिश्चित कराने के मकसद से चंडीगढ़ में फोरेंसिक प्रयोगशाला की शुरुआत की गई है और इस साल पुणे, भोपाल, चेन्नई, मुंबई और गुवाहाटी में ऐसे दूसरी प्रयोगशालाएं स्थापित कर दी जाएंगी.
पुलिस विभाग की नियुक्तियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की पैरवी करते हुए मेनका ने कहा कि अब तक इस पर 17 राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों ने सहमति दी है.