जीवनशैली
बढ़ रही है यह सर्विस, पैसे दो झप्पी लो
प्रफेशनल दे रहे हैं जादू की झप्पी
संजू बाबा की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में आपने जादू की झप्पी के दम पर बड़ी-बड़ी मुश्किलों को आसान होते देखा है। फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह संजय दत्त अपनी जादू की झप्पी से सब कुछ ठीक-ठाक कर देते हैं। हमारे देश में भले जादू की यह झप्पी फिल्म तक ही सीमित थी, मगर विदेशों में इस जादू की झप्पी के बलबूते पर न केवल पैसे कमाए जा रहे हैं बल्कि लोगों को डिप्रेशन और अकेलेपन से उबारा जा रहा है। पिछले कुछ अरसे से अमेरिका में प्रफेशनल कडलिंग के रूप में एक ऐसा करियर सामने आया है, जहां लोग घंटे के हिसाब से कडलिंग अर्थात जादू की झप्पी को अपनी आजीविका का साधन बना रहे हैं।
एक घंटे के 80 डॉलर
आपने मसाज, ब्यूटीशन, मेनिक्योर, पेडिक्योर, स्पा, काउंसलिंग, स्टीम बाथ, सोना बाथ, योगा जैसी तमाम सेवाओं को पैसों के बलबूते पर मुहैया कराने का अनुभव किया होगा, मगर प्रफेशनल कडलिंग के रूप में पैसे देकर जादू की झप्पी पाने का नुस्खा हाल ही में विदेशों में प्रचलित होकर लोकप्रिय हो रहा है। अमेरिका में एक घंटे की जादू की झप्पी के 80 डॉलर चार्ज किए जाते हैं।
क्या है किराए पर झप्पी
विदेशों में योगा और मेडिटेशन से हटकर कडलिंग यानी गले लगाना एक ऐसी वेलनेस ऐक्टिविटी के रूप में लोकप्रिय हुई है, जिसे थेरप्यूटिक और नॉन सेक्शुअल टच के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह एक तरह से मेडिकल और सेक्स से परे ऐसा स्पर्श है, जो क्लाइंट को स्नेह, दुलार, सहलाने, गले लगाने के रूप में सुकून देता है। इसके सेशन में वर्बल या फिजिकल सेक्स पर पाबंदी होती है।
ऐसे हुई शुरुआत
स्पर्श की खरीद-फरोख्त का सिलसिला आज से तकरीबन 15 साल पहले कडलिंग पार्टी के रूप में 2003 में न्यूयॉर्क में अस्तित्व में आया था, जहां कडलिंग पार्टी में किसी को भी जादू की झप्पी दे सकने की छूट थी। आज इंटरनेट पर कडलिस्ट डॉट कॉम, कडलकप डॉट कॉम, कडल बडीज, कडल सेंचुरी, कडल अप टू मी जैसे कई कडलिंग वेबसाइट्स हैं, जहां से कडलिंग की सर्विस ली जा सकती है।
‘स्पर्श की मार्केटिंग सही नहीं’
एक जाने-माने मनोवैज्ञानिक कहते हैं, ‘मैं इस सर्विस को सिरे से गलत मानता हूं। यह तो जिंदगी को बेचने जैसा है। हद है, अब आप स्पर्श भी किराए पर लेंगे? विदेशों में ये सर्विस इस लिए प्रचलित हो रही है क्योंकि वहां लोग अकेलेपन का शिकार हैं। लोगों के पास परिवार नहीं है, कोई बात करने वाला नहीं है, मगर हमारे यहां आप अगर ऐसी किसी जादू की झप्पी की लालसा रखते हैं, तो वो आप अपनी मां, दोस्त, प्रेमिका या किसी करीबी से ही चाहेंगे। स्पर्श की मार्केटिंग करना मुझे अप्राकृतिक लगता है। मैं इसे बेहूदा और बेकार मानता हूं। यह चलन अगर बढ़ता गया तो कल को आप अपनी जिंदगी की हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए सर्विस लेना शुरू कर देंगे।’
पक्ष में हैं कई लोग
वहीं कुछ लोग इसके पक्ष में हैं। मास मीडिया की एक स्टूडेंट ने कहा, ‘मैंने एक कडलिंग साइट का लिंक देखा था, जिसमें एक महिला बता रही थी कि उसे अपने हज्बंड से उस तरह का टच नहीं मिलता, इसलिए वह कडलिंग सर्विसेज की सेवाएं लेती है। मेरे हिसाब से इसमें गलत कुछ भी नहीं है, आप मसाज पार्लर जाकर मसाज करवाते हैं, जिम में अपने ट्रेनर के साथ मिलकर एक्सरसाइज करते हैं, काउंसलर से जाकर अपने राज शेयर करते हैं, तो कडलिंग क्यों नहीं? इसमें मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्प लग रहा है कि बिना किसी रिश्ते या अपेक्षा का भार लिए आप किसी से गले लग सकते हो और उसके करीब रह सकते हैं।’