बबूल के पत्तों के अनोखे फायदे जानकर उड़ जायेंगे आपके होश
हमारे भारत में कई एेसे औषधिय पेड़-पौधें है जिनका प्रयोग औषधिय दवाईयों में किया जाता है। उन्ही में एक है बबूल का पेड़। बबूल जिसे कीकर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कांटेदार पेड़ है जिसकी पत्ती, टहनी, गोंद और छाल सभी औषधीय रूप में उपयोग किया जाता है। हमारे भारत में दो तरह के बबूल पाए जाते हैं। एक देशी बबूल दूसरा मासकीट बबूल है। बबूल की लकड़ी बहुत मजबूत होती है।
बबूल के फायदे-
-मजबूत दांत- बबूल के पेड़ की मुलायम टहनियों का दातून करें। इससे दांत स्वस्थ्य और मज़बूत बनेंगे। इसके अलावा 70 ग्राम बबूल का कोयला, 30 ग्राम भुनी हुई फिटकिरी और 15 ग्राम काला नमक मिक्स कर के मंजन बनाएं। रोज़ाना इस मिश्रण से मंजन कर दांतों को मज़बूत बनाएं। जानिए दांतों से कैविटी कैसे हटाये।
-दांत के कीड़े- रोज़ाना बबूल की छाल से काढ़ा बनाकर 3 से 4 बार कुल्ला करें। इससे मसूड़ों की सड़न और खून आना बंद हो जाता है और दांत के कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं।
-मुंह के छाले- बबूल की छाल सुखाकर पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें। फिर आधा गिलास पानी में 1 चम्मच चूर्ण डालकर उबाल लें। अब इस पानी से दिन में 2-3 बार कुल्ला करे। इससे मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
-खांसी- बबूल की मुलायम पत्तियों को पानी में उबाल कर रख लें। फिर हल्के गुनगुने पानी को दिन में 2 से 3 बार पिएं। इससे खांसी ठीक हो जाएगी।
-चोट लगने, घाव होने या जलने पर -बबूल की ताज़ी पत्तियों को पीस कर घाव या चोट पर लगाए या जले हुए भाग पर लगाएं। इस उपचार से घाव या चोट जल्दी भर जाता है।
-वीर्य की कमी- कुछ बबूल के पत्तों को धीरे धीरे चबाकर उसके ऊपर से गाय का दूध पिएं। इससे कुछ ही दिनों में वीर्य की कमी दूर होती है। इसके अलावा बबूल की कच्ची फली को सुखा लें और फिर मिश्री मिलाकर खायें, इससे वीर्य रोग में फ़ायदा मिलेगा।
-मधुमेह रोग- बबूल की कुछ कोमल पत्तियों में 5 कालीमिर्च और थोड़ा पानी मिलाकर बारीक़ पीस लें और फिर इसे छानकर सुबह शाम पिए। इससे मधुमेह रोग में लाभ होता है।
-कमर में दर्द- बबूल का गोंद, छाल और फली को बराबर मात्रा में मिलाकर सुखाकर बारीक़ पीस लें। फिर इस चूर्ण का एक चम्मच दिन में 3 बार सेवन करे। इससे कमर दर्द में आराम मिलता है।