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बलात्कारियों द्वारा गोली मारकर मरने के लिए छोड़ दी गई 13 वर्षीय पीड़िता की दर्द भरी दास्तां

rape-survivor_650x400_81452355715नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा में तीन लोगों ने कथित रूप से 13 वर्षीय एक लड़की के साथ कई दिनों तक बलात्कार किया, फिर उसे गोली मारकर मरने के लिए कुएं में फेंक गए। हालांकि उस लड़की की जान किसी तरह बच गई और अब वह इंसाफ चाहती है।

पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में यह लड़की 22 नवंबर को कुछ सामान खरीदने किराने की दुकान पर गई थी, तभी सफेद रंग एसयूवी में आए तीन लोगों ने कथित रूप से उसे अगवा कर लिया और फिर ग्रेटर नोएडा स्थित एक घर दो हफ्तों तक उसे बंधक बनाए रखा और उसके साथ कई बार रेप किया।

पुलिस को दिए अपने बयान में वह बताती है कि उसे एक अंधेरी कोठरी में रखा गया था, जहां वे लोग बारी-बारी से उसके साथ रेप करते रहे। लड़की का आरोप है कि उन लोगों ने चार दिनों तक उसे कुछ भी खाने को नहीं दिया।

इस लड़की ने एनडीटीवी को बताया, ‘करीब 15 दिनों तक कई बार उत्पीड़न के बाद एक रात उन्होंने कहा कि वे मुझे जाने देंगे। फिर उन्होंने मुझे एक कार में बिठाया और शराब खरीदने एक दुकान पर गए। इसके बाद एक कुएं के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी कर दी।’

उस भयानक वारदात को बयान करते हुए वह कहती है, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि वे मुझे छोड़ देगें, लेकिन जैसे ही मैं एक दो कदम पीछे हटी उन्होंने मुझे एक के बाद दो गोली मारी। पहले तो मुझे कुछ महसूस नहीं हुआ, मेरे शरीर शिथिल पड़ गया, लेकिन दूसरी गोली लगते ही मैं बेहोश हो गई।’

वे लोग फिर उसे घसीटते हुए ले गए और फिर उसे कुएं में फेंक कर वहां से भाग गए। शोर सुन कर आसपास के गांव वाले वहां पहुंच गए और लड़की को कुएं से निकाल कर छह दिसंबर की सुबह अस्पताल में भर्ती कराया। काफी खून बह जाने के बावजूद उस लड़की की जिंदगी बच गई। वह कहती है, ‘पहली गोली मेरे सीने में लगी थी और दूसरी मेरी बगल को चीरती निकल गई। मैं जिंदा रह कर इंसाफ की लड़ाई लड़ना चाहती हूं।’

इस मामले के तीन में से दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और भारतीय दंड संहित एवं पोक्सो कानून के विभिन्न धाराओं के तहत नाबालिग के अपहरण, बलात्कार और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त कहते हैं, ‘हम इस मामले की तह तक पहुंचने के बेहद करीब हैं। हमारा मानना है कि हम जल्द ही तीसरे आरोपी को पकड़ लेंगे।’

वहीं पीड़ित लड़की की मां ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि बेटी के इलाज के लिए उसे 50,000 रुपये कर्ज लेने पड़े। अपने चोटों से उबरने के करीब एक महीने बाद पांचवीं कक्षा की यह छात्रा दोबारा स्कूल जाना चाहती है।

 

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