बस से टकराई कार और हवा में उड़ गई खोपड़ी, टुकड़ों में बिखर गए शव, दर्दनाक तस्वीरें
बस से टकराई कार और ऐसे पिचक गई कि पांच लोगों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखर गए। उसके बाद का मंजर रौंगटे खड़े करने देने वाला था, देखिए।
हादसा हरियाणा के हिसार में हाइवे पर हुआ। सिरसा के पास दुर्जनपुर चौक पर होंडा सिटी और रोडवेज की बस में आमने-सामने की टक्कर हो गई। मरने वाले पांचों लोग फतेहाबाद के काठमंडी के रहने वाले थे। मृतकों की पहचान (19) विकास पुत्र पप्पू, (30)प्रवीण पुत्र ओम प्रकाश, (25)राधे श्याम पुत्र ओम प्रकाश, (45)रघुवीर पुत्र बंशीलाल, (55)ओमप्रकाश पुत्र बंशीलाल लाल के रूप में हुई।
भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि कार सवार पांच लोगों की मौके पर मौत हो गई और उनकी लाशें सड़क पर बिखर गईं। एक शव की खोपड़ी के टुकड़े-टुकड़े हो गए। पांचवां शव उछलकर पुल से नीचे करीब 40 फीट दूर जाकर गिरा। हाल देखकर हर कोई सन्न था। सड़क पर हर तरफ खून बिखरा हुआ था। हादसा इतना भयंकर था कि जिसने भी देखा आंखे खुली की खुली रह गई।
हादसे के करीब एक घंटे बाद भी रोडवेज बस के ड्राइवर जगान निवासी रमेश कुमार के चेहरे पर खौफ साफ देखा जा सकता था। रमेश ने बताया कि मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा हादसा कभी नहीं देखा। अगर मेरी बस की स्पीड कुछ अधिक होती तो सवारियों की जान बचाना मुश्किल हो जाता। पता नहीं कैसे ब्रेक लगा दिए। ब्रेक लगाने के कारण मेरे घुटने और हाथ में चोटें आई हैं।
रमेश ने बताया कि कार की स्पीड इतनी थी कि फ्लाईओवर की दीवार से टकराने के बाद करीब 15 मीटर चौड़ी सड़क को पार करते हुए डिवाइडर भी पार कर गई। इसके बावजूद स्पीड कम नहीं हुई। कार टकराते देख महिलाएं और बच्चे रोने लगे। एक भी शव कार से ठीक हालत में नहीं बचा। किसी की गर्दन कट गई किसी की खोपड़ी रोड पर पड़ी दिखी।
दो भाई और पिता गंवाने वाले रवि के नहीं थमे आंसू
शवों का पोस्टमार्टम अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में किया गया। हादसे में शांति नगर निवासी पुष्पा देवी, अनिल मिश्रा, बहलपुर निवासी शिशपाल, जवाहर नगर निवासी रामकुमार, शिव नगर निवासी विघा देवी तथा उसका पति नानक चंद्र आदि घायल हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले कार चालक विकास के बड़े भाई विक्रम के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। दो भाई और पिता खो चुके ओमप्रकाश के तीसरे बेटे रवि को लोग संभाल रहे थे।
पिता को बचाने के लिए निकले थे
जानकारी के मुताबिक, बुधवार दोपहर मृतक ओमप्रकाश को अचानक हरे-नीले रंग की उलटी हुई और उसकी तबियत बिगड़ने लगी। पिता की तबियत बिगड़ते देखकर प्रवीण और राधेश्याम ने घर से बाहर निकलकर पड़ोसी विकास को मदद के लिए बुलाया और सभी कार से पहले ओमप्रकाश को शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां से जवाब मिलने के बाद वो पहले अग्रोहा के रास्ते हिसार के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में ही हादसे का शिकार हो गए।
दिसंबर में हुआ था एक बेटे का विवाह
मृतकों में शामिल राधेश्याम पुत्र ओमप्रकाश का अभी बीते दिसंबर माह में ही विवाह हुआ था और पिता की जान बचाने में जुगत में राधेश्याम खुद ही इस दुनिया से चल बसा। इसी हादसे में उसके भाई प्रवीण की भी मौत हो गई और जिसकी शादी की सरगर्मियां तेज होने लगी थी। लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। इसी हादसे में मौत का शिकार हुए रघुबीर के सबसे छोटे बेटे का रिश्ता पक्का हो चुका था और इसी माह शादी की तारीख पक्की होनी थी।
भाई को तड़पता देखकर साथ जाने की जिद की थी, मौत मिली
ओमप्रकाश की हालत बिगड़ने पर पहले ओमप्रकाश के परिवार की किसी महिला रिश्तेदार गाड़ी में साथ जा रही थी लेकिन अपने भाई को तड़पते देखकर रघुबीर से रहा नहीं गया। उसने ऐन मौके पर कार में सवार महिला रिश्तेदार को उतरवाकर खुद गाड़ी में सवार हो गया। घर से निकलने के एक घंटे बाद तो हादसे की सूचना ही आ गई। अगर रघुबीर ने ऐन मौके पर खुद भाई के साथ जाने की जिद ना की होती तो शायद आज वो जीवित होते।
चार दिन पहले गाड़ी खरीदी थी पड़ोसी विकास ने
इस हादसे का शिकार हुए विकास (19) पुत्र वेदप्रकाश उर्फ पप्पू ने चार-पांच दिन पहले ही सेकेंड हैंड होंडा सिटी गाड़ी खरीदी थी। बुधवार दोपहर जब राधेश्याम ने घर से बाहर निकलकर आवाज मारी तो सबसे पहले विकास ही घर से बाहर निकला और ओमप्रकाश की बिगड़ती हालत देखकर वह अपनी गाड़ी उठा लाया। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विकास उसी वक्त ही कहीं बाहर से लौटा था। हादसे के दौरान भी विकास ही गाड़ी चला रहा था।