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बाढ़ का तांडव : मध्यप्रदेश में 11 गांव खाली कराए गए, सेना ने संभाला मोर्चा

भोपाल : मध्यप्रदेश के भिंड में राजस्थान के कोटा बैराज डैम से लगातार चंबल नदी पर पानी छोडे जाने के चलते नदी उफान पर है। बाढ के हालात को देखते हुए जिले के अटेर और सुरपुरा क्षेत्र के ग्यारह गांव को खाली करा लिया गया है। वहीं सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

 सूत्रों के अनुसार भिंड कलेक्टर छोटे सिंह, पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने अटेर-सुरपुरा के 11 गांवों को चिन्हित किया था। एक-एक गांव में लोगों को समझाइश देकर बताया, पानी बहुत ज्यादा आएगा। आप लोग गांव से सुरक्षति स्थानों पर चलें। इसके बावजूद ग्रामीण घर छोडने को तैयार नहीं हैं। काफी समझाइश के बाद कुछ ग्रामीण तैयार हुए। कल देर शाम तक करीब 500 महिलाएं, बच्चों और पुरुषों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
कलेक्टर छोटे सिंह व पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने चंबल नदी किनारे के अटेर और सुरसुरा 11 गांव चिन्हित कर लिए गए हैं। इन गांवों में पुलिस-प्रशासन के जवानों को तैनात करने का दावा किया गया है। कलेक्टर ने लोगों को समझाइश दी है कि यदि किसी तरह का खतरा हो तो रात में भी रेस्क्यू किया जाएगा। देर शाम ग्वालियर से सेना के 70 जवान अटेर पहुंचे है।
कलेक्टर-एसपी ने सेना को हाईरिस्क वाले गांवों का मुआयना करा दिया है, ताकि बाढ के ज्यादा हालात बने तो सेना तत्काल अपना काम शुरू कर देगी। चंबल नदी किनारे के गांवों में बाढ के हालात को देखते हुए कल चंबलरेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अशोक गोयल भी भिण्ड आ गए। डीआईजी ने भिण्ड के एडीशनल एसपी संजीव कंचन के साथ जायजा लिया है।
पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि हमारी टीमें लगातार ग्रामीणों के संपर्क में हैं। सभी को सुरक्षति स्थानों पर आने के लिए कहा जा रहा है। चंबल पुल पर भी निगरानी बढ़वा दी है। बाढ़ के हालात को देखते हुए अतिरिक्त बल भी अटेर और सुरपुरा में तैनात किया गया है।

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