मेरठ। सूरजकुंड स्थित संप्रेक्षण गृह में बंद किशोरों ने शुक्रवार को जमकर बवाल किया। यहां लगी जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई के दौरान किशोरों ने कर्मचारियों पर हमला बोल दिया और मारपीट करते हुए सभी को बंधक बना लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस को भी दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। एसओ नौचंदी को कोई घंटे तक बंधक बनाए रखा। कई थानों की पुलिस के साथ तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हालात पूरी तरह बेकाबू होने पर शाम करीब चार बजे आरएएफ को बुला लिया गया। आरएएफ संप्रेक्षण गृह के अंदर प्रवेश कर गई और आंसू गैस के गोले छोड़कर व बल प्रयोग कर किशोरों को काबू करने में जुट गई। घटना दोपहर करीब दो बजे की है। सूरजकुंड स्थित संप्रेक्षण गृह में शुक्रवार को कोर्ट लगी थी और यहां बंद किशोरों के केसों की सुनवाई हो रही थी। इस दौरान कोर्ट के स्टाफ के अलावा तमाम लोग मौजूद थे। सुनवाई के दौरान ही अचानक 20-25 किशोरों ने सुविधाएं न देने का आरोप लगाते हुए गालीगलौज की और कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर सीओ सिविल लाइन, एसओ नौचंदी और इंस्पेक्टर सिविल लाइन फोर्स को लेकर मौके पर पहुंचे तो उत्पाती किशोरों ने उन पर भी हमला बोल दिया और लाठी डंडों से पुलिसकर्मियों की पिटाई शुरू कर दी। एकाएक हमला होते देख पुलिस वाले उलटे पांव भाग खड़े हुए और बाहर से संप्रेक्षण गृह का दरवाजा बंद कर दिया। इसी बीच किशोरों ने एसओ नौचंदी को अंदर ही बंधक बना लिया और जमकर तोड़फोड़ की। करीब दो घंटे से संप्रेक्षण गृह पर पूरी तरह से किशोरों का कब्जा है लेकिन बाहर एसएसपी समेत कई थानों की पुलिस मौजूद है लेकिन किशोरों के उग्र रूप के आगे पुलिस व अधिकारी अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। हालात बेकाबू होते देख शाम करीब चार बजे आरएएफ को बुलाया गया। आरएएफ अंदर पहुंच चुकी है और किशोरों को काबू करने व बंधक बनाए गए तीन अन्य कर्मचारियों को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है। आरएएफ संप्रेक्षण गृह के अंदर आंसू गैस के गोले छोड़कर किशोरों को काबू करने का प्रयास कर रही है। एसओ नौचंदी को सवा चार बजे मुक्त करा लिया गया जबकि अन्य कर्मियों को मुक्त कराने के प्रयास चल रहे हैं। इस दौरान उत्पाती किशोरों पर लट्ठ भी बजाए गए। ध्यान रहे कि इसी संप्रेक्षण गृह में चर्चित करन कौशिक हत्याकांड के तीन आरोपी भी बंद हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों आरोपी बवाल में सबसे आगे दिख रहे थे। बवाल का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां से कई बार किशोर दीवार तोड़कर फरार हो चुके हैं। कई बार मारपीट व कुकर्म तक की घटनाएं होती रही हैं।