जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों को तबाह करने के लिए पाकिस्तान में घुसकर की गई एयरस्ट्राइक पर बड़ा अपडेट सामने आया है. सूत्रों की मानें तो बुधवार को वायुसेना ने केंद्र सरकार को एयरस्ट्राइक से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं. इन सबूतों में एयरस्ट्राइक की तस्वीरें भी शामिल हैं. साथ ही ये भी बताया गया है कि किस तरह उनके अधिकतर निशाने सही लगे हैं. सूत्रों की मानें तो वायुसेना ने सरकार को 12 पेज की रिपोर्ट सौंपी है. इसमें वायुसेना ने बालाकोट के उस क्षेत्र की हाई रिजोल्यूलेशन तस्वीरें भी साझा की हैं. हालांकि, ये रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं इस बात का फैसला मोदी सरकार ही लेगी.
वायुसेना की रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में उनके 80 फीसदी निशाने सही लगे हैं. जिन बमों को दागा गया वह वहां मौजूद बिल्डिंगों के सीधे अंदर गए हैं, यही कारण है कि जो भी तबाही हुई है वह अंदर ही हुई है.
रिपोर्ट की मानें तो जिन मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है उन्होंने सीधे छत को भेदा और अपने टारगेट पर वार किया. एयरफोर्स की इस रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में जिस समय ये एयरस्ट्राइक की गई तो वहां मौजूद सभी टारगेट को तबाह कर दिया.
26 की सुबह हुई थी एयरस्ट्राइक
आपको बता दें कि 14 फरवरी को जैश ने पुलवामा में आतंकी हमला करवाया था, जिसके खिलाफ भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया. एयरस्ट्राइक में सेना ने मिराज-2000 का इस्तेमाल किया था और जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं.
वायुसेना ने दिया था जवाब
26 फरवरी को की गई एयरस्ट्राइक के बाद से ही इसके सबूत सामने रखनी की बात हो रही थी. वायुसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि उनका मिशन पूरी तरह से सफल रहा है, ऐसे में सबूतों को सामने रखना का फैसला सरकार को ही करना है. वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान का कुछ नुकसान नहीं हुआ है तो उनकी वायुसेना हमारे इलाके में क्यों आई और वहां इस तरह की हलचल क्यों है.
जारी है राजनीतिक बयानबाजी
विपक्ष के कई नेता इस बात की मांग कर चुके हैं कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान में की गई एयरस्ट्राइक के सबूतों को सामने रखना चाहिए. कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी के अलावा एनडीए में बीजेपी की साथी शिवसेना ने भी एयरस्ट्राइक की सच्चाई को जनता के सामने रखनी की बात कही थी. हालांकि, सरकार और बीजेपी की ओर से हर बार कहा गया कि विपक्षी पार्टियां सेना का मनोबल गिराने का काम रही हैं.