बिजली और यूपीकोका को लेकर विपक्ष का हंगामा, सदन कल तक के लिए स्थागित
लखनऊ.हंगामे के साथ यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र की शुरू हो गया। सुबह विपक्षी दलों के हंगामे के बाद विधानपरिषद और विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थागित कर दी गई है। विपक्षी दल सरकार से कानून व्यवस्था, किसानों की मदद और यूपीकोका के लेकर हंगामा कर रहा था। बिजली के बढ़े हुए दामों के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक बेल में उतरे गए। विपक्ष होर्डिंग, पोस्टर लेकर बेल में पहुंचा।
-बिजली वृद्धि, कानून व्यवस्था के हालात, किसानों की समस्याओं संबंधी मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू किया। इससे पहले कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने बिजली के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
-वहीं, बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा का ने कहा- “सपा अपनी गलती छुपाने के लिए सरकार पर आरोप लगा रहे है। हमने बिजली की दरें बढ़ाई है और गांव में और शहरों में बिजली की आपूर्ति कर रही है। सरकार चर्चा से नहीं भागती लेकिन सदन को बाधित करना जनता का अपमान है सपा का आरोप असत्य है। सपा नगर निगम चुनाव की खीज उतार रही है।”
-22 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा यूपीकोका, जैसे विधेयक भी पारित होंगे।
अनुपूरक बजट में क्या होगा खास
-सत्र में सरकार द्वारा किये गए वादों को अमली जामा पहनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसमें किसान कर्जमाफी, किसानों को 18 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली के लिए भी बजट जारी किया जाएगा।
-इसके अलावा विभिन्न योजनाओं में शिक्षा में बदलाव, बच्चों को जूते, मोजे, स्वेटर, किसानों को खाद, सोलर पम्प, छात्रवृत्ति समेत दर्जनों योजनाओं के मद में बजट को दिया जाएगा।
गन्ना किसान, धान खरीद, महंगाई
-सरकार की घेरने के लिए विपक्ष के पास बिजली दर वृद्धि, कानून व्यवस्था, नगरीय निकाय चुनाव में गड़बड़ी और महंगाई जैसे मुद्दे हैं। वहीं, सरकार कर्ज माफी, बेहतर गन्ना मूल्य भुगतान और कानून व्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों को पेश करेगी।
-22 दिसंबर तक प्रस्तावित सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। साथ ही कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए जाएंगे। पिछले सत्र की तरह विपक्ष इस बार बहिष्कार करने के बजाए सदन में ही सरकार की घेराबंदी करेगा।
क्या कहना है विपक्ष का
-समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी नेता ने कहा- “योगी सरकार जनता से जुड़े सवालों का मुकाबला करने से बच रही है। इसलिए शीतकालीन सत्र अल्प अवधि के लिए ही आहूत किया गया। केवल पूर्ववर्ती सरकार के कार्यों को दोहराकर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है। सरकार का गरीब किसान व विकास विरोधी चरित्र जाहिर हुआ है। समस्याएं सुलझाने के बजाए लाठियां बरसाने वाली सरकार का हर स्तर पर विरोध होगा।”
-बसपा विधान मंडल दल नेता लालजी वर्मा का कहना है कि पिछले सत्र की बहिष्कार की रणनीति नहीं अपनाएंगे। इस जनसमस्याओं को लेकर सदन में संघर्ष होगा। बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि, खराब कानून व्यवस्था, किसानों की कर्ज माफी, गन्ना मूल्य पर ब्याज दिलाने, धान खरीद में अनियमितता व मंहगाई जैसे मसलों पर रणनीति बनाई जाएगी।
-कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा- “आलू किसानों की दुर्दशा और युवाओं को दिलाने में फेल सरकार का विरोध करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने मांगा सहयोग
-सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सहयोग मांगा था। उन्होंने कहा, वाणी व व्यवहार के स्तर पर कार्यवाही मर्यादित और लोकतांत्रिक वातारण में संचालित हो।
-सीएम योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों से बचने की सलाह दी थी, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सदन चलाने में पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष भी विपक्ष को आइने की तरह देखें।
-बैठक में पिछले सत्र में विपक्ष के बहिष्कार की चिंता भी नजर आयी परंतु विपक्षी नेताओं ने भरोसा दिलाया कि सदन चलाने में भरपूर सहयोग किया जाएगा और पूर्ववर्ती सत्र जैसे हालात उत्पन्न नहीं होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनतंत्र को मजबूत करने की सत्ता व विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी होती है। दोनों ही प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हितों और भावनाओं के संरक्षक हैं।