बिसाहड़ा कांड मामले में इकलाख पक्ष का फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को चुनौती
एजेंसी/ ग्रेटर नोएडा। बिसाहड़ा कांड मामले में इकलाख पक्ष पर गौहत्या की रिपोर्ट दर्ज करने में अहम भूमिका अदा करने वाली मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को इकलाख पक्ष ने जिला न्यायालय में चुनौती दी है। मांस के नमूनों की दोबारा जांच कराने की मांग की है।
नमूनों की जांच किसी अन्य लैब से भी कराने की मांग की है। गत दिनों मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से पुष्टि हुई थी कि इकलाख के घर से मिला मांस गौवंश का था, जबकि इकलाख पक्ष का दावा है कि मांस बकरे का था और एक रिश्तेदार के यहां से आया था। वहीं एसएसपी धर्मेंद्र सिह ने भी यह साफ किया है कि यदि अभियोजन पक्ष फिर से मांस की जांच कराना चाहता है, तो इस पर पुलिस को कोई आपत्ति नहीं है।
इकलाख पक्ष पर दर्ज हुई गौहत्या की रिपोर्ट के मामले में सोमवार को इकलाख का बेटा सरताज, भाई जमील, अफजाल, जान मोहम्मद और अधिवक्ता यूसुफ सैफी एसएसपी धर्मेंद्र सिह से मिले। आधे घंटे की मुलाकात में उन्होंने इकलाख की हत्या के मामले में तीन और नाम एफआइआर में दर्ज करने की मांग की। उनकी मांग पर पुलिस इकलाख के घर से लिए गए खून के नमूनों की फिर से जांच भी कराएगी। वहीं इकलाख पक्ष के वकील यूसुफ सैफी ने बताया कि फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को जिला न्यायालय में चुनौती दे दी गई है।
हाईकोर्ट में डाली केविएट
इकलाख पक्ष पर गौहत्या की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सुगबुगाहट तेज हो गई थी कि इस संबंध में इकलाख पक्ष जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देगा और इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा। इसकी भनक ग्रामीणों को लगते ही बिसाहड़ा गांव के सूरजपाल की तरफ से हाईकोर्ट में केविएट डाल दी गई है। सूरजपाल की ही अर्जी पर कोर्ट ने इकलाख पक्ष पर गौहत्या की रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए थे। हाईकोर्ट में केविएट डालने के बाद अब इकलाख पक्ष की हाईकोर्ट जाने की संभावना कम हो गई है।
गौहत्या की जांच शुरू
पुलिस ने इकलाख पक्ष पर दर्ज गौहत्या के मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को पुलिस वादी पक्ष का बयान दर्ज करने वाली थी, लेकिन ग्रामीणों का एक दल इलाहाबाद हाईकोर्ट केविएट डालने गया था, इस वजह से वादी पक्ष के बयान दर्ज नहीं हो सके।