पटना : अंग्रेजी और गणित में मैट्रिक की परीक्षा में पास होने के लिए बिहार के छात्र नकल का सहारा ले रहे हैं। छात्र, अभिभावक, शिक्षक और पूरा विद्यालय तंत्र इसमें शामिल है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के सारे दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं। दो दिनों में कदाचार के आरोप में एक हजार से अधिक परीक्षार्थी पकड़े गये हैं। बुधवार को गणित की परीक्षा थी और देर शाम तक 450 परीक्षार्थियों के नकल के आरोप में पकड़े जाने की सूचना है जबकि पहले दिन 550 परीक्षार्थी पकड़े गये थे। हालांकि बोर्ड ने पहले दिन 272 और दूसरे दिन 257 परीक्षार्थियों के पकड़े जाने की ही पुष्टि की है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत यह है कि परीक्षा केन्द्रों में छत पर चढ़कर कदाचार कराया जा रहा है। वैशाली के महनार में कदाचार करने से रोकने पर पुलिस जवानों पर रोड़ेबाजी की गई जिसमें छह जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। सारण में गणित के पेपर में 154 परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया। संविदा शिक्षकों की पहली दक्षता परीक्षा में पांचवीं कक्षा तक के अंग्रेजी और गणित के सवाल पूछे गये थे। इस परीक्षा में 43 हजार 447 शिक्षकों ने भाग लिया था। इसमें लगभग दस हजार शिक्षक फेल कर गये थे।