बीच सड़क पर IG से भिड़े योगी के विधायक, ऐसे हुई तू तू-मैं मैं
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के विधायकों पर काफी समय से सवाल उठ रहे हैं. ये विधायक सरेआम अधिकारियों से बदसलूकी करते नजर आते हैं. ताजा मामला इलाहाबाद से सामने आया है जहां बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं.
दरअसल, हर्षवर्धन वाजपेयी शनिवार को बिन बुलाए सिद्धार्थनाथ सिंह के घर पहुंच गए, जहां यूपी के राज्यपाल राम नाइक आए हुए थे. एएसपी ने जब उन्हें रोका तो वो नाराज हो गए और एएसपी सुकीर्ति माधव के साथ-साथ आईजी रामित शर्मा से भी उलझ गए. सड़क पर ही वो आईजी और एएसपी से बदजुबानी पर उतर आए.
आईजी – आराम से प्लीज… फिंगर नीचे
विधायक- फिंगर आप भी नीचे करें ना…
आईजी- फिंगर नीचे
विधायक- आप काहे फिंगर ऊपर किए हुए हैं भाई…
आईजी- ये बात करने का तरीका नहीं है…
विधायक- आप मुझे उंगली क्यों दिखा रहे हैं…
आईजी- शांत हो जाइए…
एएसपी- मैंने आपको रिक्वेस्ट किया कि नहीं?
विधायक- आप बात सुन लें बात क्या हुई…
आईजी- प्लीज शांत हो जाइए…
विधायक- पहले मेरी बात सुन लें शर्मा जी…
आईजी- आप इधर आइए…
विधायक – उतर के काहे आएं भाई?
आईजी- आप कार से बाहर आइए…
विधायक- मुझे कार्यक्रम में बुलाया गया है…
आईजी- लोग फोटोग्राफ ले रहे हैं, बेवजह में…
विधायक- तो कंट्रोल कीजिए इन्हें…
एएसपी- मैंने कुछ गलत नहीं किया… मैंने आपसे रिक्वेस्ट किया था.
विधायक- इन्होंने कमिश्नर को जाने दिया, लेकिन मुझे नहीं जाने दिया.
एएसपी- मैं किसी को इजाजत देने वाला कौन होता हूं…
आईजी- ये आपके साथ ही क्यों होता है…
विधायक- क्योंकि मैं हमेशा मौजूद रहता हूं, दूसरे लोग आते ही नहीं.
पहले पुलिस अधिकारी को बताया था ‘लातों के भूत’
यह पहली बार नहीं है जब हर्षवर्धन वाजपेयी ने पुलिस के साथ बदजुबानी की हो, बल्कि इससे पहले भी वो पुलिस अधिकारियों को धमका चुके हैं. इससे पहले इलाहाबाद में सीएम योगी की मीटिंग में शामिल होने के लिए जाते समय पुलिस अधिकारी उन्हें पहचान नहीं पाए थे, जिसके बाद उन्होंने अधिकारी को ‘लातों के भूत’ बताया था और कहा था कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते.
कौन हैं हर्षवर्धन वाजपेयी?
हर्षवर्धन वाजपेयी ने बीटेक की पढ़ाई है. पहली बार उन्होंने इलाहाबाद शहर उत्तरी से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, कांग्रेस के उम्मीदवार अनुग्रह नारायण सिंह ने उन्हें हरा दिया था. इसके बाद 2017 में वो पहली बार विधायक चुने गए. हर्षवर्धन की मां रंजना वाजपेयी समाजवादी पार्टी की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही थीं. दादी राजेंद्र कुमारी वाजपेयी केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं.