इसमें महापौर डॉ दिनेश शर्मा, निदेशक सी.एंड डी.एस, तत्कालीन नगर आयुक्त नगर निगम एस.के. सिंह, एन. पी. सिंह, राकेश कुमार सिंह से लेकर वर्तमान नगर आयुक्त उदय राज सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम पी. के. श्रीवास्तव एवं ज्योति एन्विरोटेक कंपनी के निदेशक चरणजीत सिंह के नाम शामिल हैं।
तहरीर के मुताबिक ज्योति इन्विरोटेक कंपनी के भुगताने के लिए कई सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी। इसमें से कुछ चुनिंदा अधिकारियों के हस्ताक्षर लेकर सैकड़ों करोड़ रुपए का भुगतान हो गया, ये एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन है।
तहरीर में ये भी लिखा है कि ज्योति एन्विरोटेक द्वारा जनता से वसूल किया गया डोर टू डोर कलेक्शन का सैकड़ो करोड़ का हिसाब न ही कंपनी के पास है और न ही नगर निगम प्रशासन के पास है। इससे जुड़े सारे रिकॉर्ड्स खत्म कर दिए गए हैं।
तहरीर में कहा गया है कि दिनेश शर्मा और इन अधिकारियों ने षडयंत्र रचकर जनता के टैक्स की सामूहिक लूटपाट की है।
कहा कि भ्रष्टाचार के चलते लखनऊ कूड़े का ढेर बन चुका है जिसका नतीजा डेंगू जैसी गंभीर बीमारी के रूप में सामने आ रहा है। गंदगी से हुई बीमारियों से कई लोगों की जान जा चुकी है। कहा कि ऐसे गबन, लूट और हत्यारोपियों की सही जगह जेल है।
पुलिस ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।