बीटीसी प्रमाण-पत्र फर्जी पाये जाने पर चार अध्यापक निलम्बित
लखनऊ : सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मुरादाबाद निवासी अख्तर हसनैन रिजवी ने 27 जुलाई 2017 को संयुक्त शिक्षा निदेशक, मुरादाबाद मण्डल, मुरादाबाद से फर्जी अध्यापकों की भर्ती की शिकायत की थी। प्राचार्य डायट कांठ मुरादाबाद द्वारा फर्जी बीटीसी प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के सम्बन्ध में सयुक्त शिक्षा निदेशक, मुरादाबाद को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। फर्जी बीटीसी प्रमाण-पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर नियुक्ति प्राप्त करने की जांच कराये जाने विषयक क्या कार्यवाही की गयी हैं, प्रमाणित छायाप्रतियों की जानकारी दी जाये, विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी नहीं दी गयी, अधिनियम के तहत सूचना न मिलने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है। उक्त के क्रम में संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा बताया गया कि प्रकरण जनपद सम्भल के बीएसए कार्यालय से सम्बन्धित है, इसलिए उन्हें नोटिस जारी किया जाये। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी के प्रार्थना-पत्र की सभी सूचनाएं वादी को अगले 30 दिन के अन्दर उपलब्ध कराते हुए, आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल से राजू यादव सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए, उन्होंने अवगत कराया तत्कालीन बीएसए के द्वारा वाद से सम्बन्धित अध्यापकों के बीटीसी प्रमाण-पत्रों का सत्यापन सचिव/रजिस्ट्रार, परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र, इलाहाबाद द्वारा प्राप्त किया गया, जिसमें महेन्द्र सिंह प्रअ प्राथमिक विद्यालय शकरपुर, खूबसिंह प्रअ प्राथमिक विद्यालय करछली विकास खण्ड पवांसा, रूमाल सिंह प्रअ प्राथमिक विद्यालय गोहरनगर, रघुवीर सिंह प्राथमिक विद्यालय अकबरपुर गहरा मिलक विकास खण्ड असमौली के बीटीसी उत्तीर्ण प्रमाण-पत्र के सापेक्ष अनुक्रमांक आवंटित नहीं है, प्रमाण-पत्र के सापेक्ष अभिलेख से भिन्न है, के आधार पर बीटीसी प्रमाण प्रथम दृष्टया कूटरचित होने के कारण सम्यक विचारोपरान्त तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी गयी है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।