कहीं बुत लगाए और कहीं गिराए जाते हैं,
इस तरह भी लोगो को मुद्दे भुलाए जाते हैं।
नाम ले कर भगवान का तो कभी शैतान का,
फिर अपनों से अपने ही मरवाए जाते हैं।
कौन जगाए देश मेरे की सुती जनता को,
यहाँ तो फरिशते! सूली पर चढ़ाए जाते हैं।
ख्वाब दिखा कर लोगों को जन्नत में हूरों के,
धरती पर दोस्तों बंदे ही मरवाए जाते है।
मेरे देश को लूटा कुछ भिस्रट नेताओं ने
यहां जुमलेबाज़ी कर वोटर भरमाए जाते हैं।
भुक्खे को मिलती ना मनदीप यहां पर रोटी,
परन्तु पत्थरों को भोजन करवाए जाते हैं l
- मनदीप गिल्ल