बेअदबी मामलाः फरीदकोट में फायरिंग, पुलिस पर हत्या का केस
घटना के दौरान गोली लगने से प्रदर्शनकारियों में शामिल दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी। पुलिस पार्टी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख एडीजीपी आईपीएस सहोता के निर्देश पर की गई है।
पुलिस पार्टी का नेतृत्व मोगा के तत्कालीन एसएसपी चरनजीत सिंह कर रहे थे। बाजाखाना पुलिस थाने में दर्ज किए गए इस केस में पुलिस मुलाजिमों पर आईपीसी की धारा 302/307/34 और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं। आगे भी मामले की जांच एडीजीपी सहोता की अगुवाई वाली एसआईटी ही करेगी।
पुलिस ने अदालत को बताया कि दोनों भाइयों ने लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश के तहत 12 अक्तूबर को बरगाड़ी में बेअदबी की घटना को अंजाम दिया था। अदालत ने दोनों आरोपियों को 26 अक्तूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
गांव के गुरुद्वारा साहिब में जुटी सिख जत्थेबंदियों व गांववासियों ने कहा कि पुलिस के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि इन नौजवानों ने कुछ समय पहले अमृतपान किया था। सिख प्रचारक मक्खन सिंह समालसर ने कहा कि रूपिंदर सिंह पिछले लंबे समय सिख जत्थेबंदियों के लिए पूरी सरगर्मी से काम कर रहा है।
गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला से पावन स्वरूप की चोरी होने के मामले से लेकर बरगाड़ी में बेअदबी की घटना तक वह सबसे आगे होकर संघर्ष करता रहा। 14 अक्तूबर को कोटकपूरा में रोष धरने के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के दौरान उसके गंभीर चोटें लगी थी। एक प्रस्ताव के माध्यम से पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग रखी गई।