बेटी थी इसलिए पिता ने छोड़ दिया, अस्पताल में कुपोषण से मौत
श्योपुर, हरिओम गौड़। बेटे की चाह रखने वाला निर्दयी पिता कुपोषित और बीमार बेटी को पत्नी के साथ अस्पताल में छोड़कर चला गया। तीन दिन तक चले इलाज के बाद बालिका ने बुधवार तड़के जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। अकेली बेबश महिला अस्पताल के बाहर हाइवे किनारे एक पेड़ के नीचे चार घंटे तक गोद में मासूम बेटी का शव लेकर बिलखती रही, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इतनी भी दया नहीं आई कि मासूम का शव घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी जाती।
कराहल ब्लॉक के गोठरा निवासी मनोज आदिवासी की 2 साल की बेटी अमरीका कुपोषण का शिकार थी। रविवार शाम अमरीका की तबियत ज्यादा बिगड़ी तो मनोज पत्नी मीना व बेटी को कराहल अस्पताल में छोड़कर चला गया। अमरीका की नाजुक हालत देख डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रैफर कर दिया। तीन दिन से अमरीका चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती थी।
बुधवार की सुबह करीब 4:30 बजे अमरीका ने अस्पताल के बिस्तर पर ही दम तोड़ दिया। कुछ देर बाद अस्पताल के स्टाफ ने अमरीका की मृत्यु संबंधी दस्तावेज बनाकर मासूम के शव को बाहर निकलवा दिया। अकेली आदिवासी महिला का कोई परिचित नहीं था। सुबह 5 बजे के करीब वह बेटी का शव लेकर अस्पताल के बाहर शिवपुरी हाइवे किनारे पेड़ के नीचे बैठ गई।
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे नईदुनिया संवाददाता ने बिलख रही मीना से उसके पति का मोबाइल नंबर लिया। उस पर कई बार कॉल किया, लेकिन नंबर नहीं लगा। संवाददाता ने गोठरा निवासी हरिओम जाट को तलाशा। चार घंटे से रो रही मीना और उसकी बेटी के शव को सुबह 9 बजे हरिओम जाट अपनी बाइक से लेकर गोठरा रवाना हुआ।
एक कुपोषित और एक एनीमिक बच्चे की मौत
जिला अस्पताल में ही बुधवार को दो और बालिकाओं की मौत हो गईं। इनमें से 4 साल की बालिका सुनैना पुत्र पप्पू आदिवासी निवासी गोलीपुरा विजयपुर की है। सुनैना अति कुपोषित थी। दोपहर 2 बजे के करीब सुनैना ने दम तोड़ दिया। दूसरी मौत रघुनाथपुर निवासी सोनम 3 पुत्र दिवारीलाल की हुई है। सोनम एनीमिया ग्रसित थी और बुधवार की दोपहर 2:30 बजे अस्पताल में भर्ती की गई थी। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।
इनका कहना है
कुपोषण से पीड़ित दो बच्चियों की व एनीमिया से एक बालिका की मौत हुई है। गोठरा की बच्ची का शव लेकर उसकी मां के अस्पताल के बाहर बैठे रहने की सूचना मुझे नहीं मिल पाई। यदि सूचना मिलती तो मैं वाहन भिजवा देता। डॉ. एसके तिवारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
उड़ीसा में हुई घटना के बाद पिछले महीने सभी सिविल सर्जन को वीडियो कॉन्फ्रेंस में निर्देश दिए गए कि वह जरूरतमंद व गरीब परिवारों के शवों को घर तक भिजवाएं। इसके लिए जिला प्रशासन व नगरीय प्रशासन को भी मदद ली जाएगी। डॉ. केएल साहू संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल